अम्बेडकर जयंती पर लोगों ने उठाई झाड़ू और फावड़ा
गाँव कनेक्शन 14 April 2017 4:47 PM GMT
हरिओम दीक्षित, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
लखनऊ। पूरे देश में आज संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष और शोषितों-दलितों के लिए संघर्ष करने वाले भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती मनाई जा रही है। लखनऊ के फैजुल्लागंज वॉर्ड में मोहल्ले की सफाई करके बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी गई।
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वॉर्ड के गायत्री नगर, प्रीती नगर और प्रभातपुरम में भी अम्बेडकर जयंती मनाई गई लेकिन कुछ अलग ढंग से। ‘हमराह एक्सएनसीसी संस्थान’ के 28 स्वयं सेवियों ने 7:30 से 8.30 बजे के बीच, एक घंटे तक सफाई अभियान चलाया। बाहरी लोगों को अपने मोहल्ले में साफ-सफाई करते देख स्थानीय नागरिक भी फावड़ा और झाड़ू लेकर बाहर आ गए और सफाई अभियान का हिस्सा बने।
इस वजह से सफाई के लिए संस्था ने चुना यह क्षेत्र
संस्था के अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया की ये क्षेत्र अभी तक स्लम है। यहां के नागरिक गंदगी और सुअरों के चलते परेशान हैं। पिछली बार डेंगू के प्रकोप के दौरान इस क्षेत्र में करीब 60 लोगों की मौत हो गई थी। यही वजह है कि इस क्षेत्र को संस्था ने सफाई के लिए चुना। साथ ही स्थानीय नागरिकों को सफाई के लिए जागरुक किया। बाद में गोष्ठी के जरिए नागरिकों से बाबा साहब के विचारों को साझा किया गया। नागरिकों ने भी अपने घर के आस-पास सफाई रखने का संकल्प लिया।
हमराह की पहल सराहनीय है। सभी को अपने घरों के आस पास साफ-सफाई की जिम्मेदारी खुद उठानी होगी, सारे काम सरकार के सहारे नहीं हो सकते।स्थानीय नागरिक मुरली प्रसाद वर्मा
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि दल से मुलाकात कर विकास का दिया आश्वासन
स्थानीय नागरिक और समाजसेवी (25 वर्षीय) जेपी द्विवेदी ने बताया की यह क्षेत्र विकास के मुद्दे पर अब तक उपेक्षित रहा है। उन्होंने कहा कि काफी कोशिश करने के बाद पिछली सरकार में मुश्किल से एक सड़क बनी थी, हमराह संस्था के जरिए 5 नागरिकों के प्रतिनिधि दल ने मुख्यमंत्री से मुलाकतकी और क्षेत्र की समस्याऐं बताईं। इसपर मुख्यमंत्री ने भी विकास कराने का वादा किया और काम न होने पर दुबारा आकर मिलने को कहा।
हमराह के स्वयं सेवक अय्यूब ने कहा की बाबा साहब जिंदगी भर दलितों और शोषितों की लड़ाई लड़ते रहे और वो चाहते थे कि दलित-शोषित इस लायकहो कि अपनी लड़ाई खुद से लड़ सके। उनका कहना है, “इस मोहल्ले में जहां गंदगी और सुविधाओं का अभाव है, मेरे विचार में यहां पर साफ-सफाई और यहां के लोगों को जागरुक करना ही डॉ भीम राव् अम्बेडकर को सच्ची श्रधांजलि है।”
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