खंभे लगे, तार लगे, लेकिन गाँव में नहीं आई बिजली

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खंभे लगे, तार लगे, लेकिन गाँव में नहीं आई बिजलीबाराबंकी में विकास खण्ड फतेहपुर के पहाड़पुर गाँव का हाल, पक्की रोड और बिजली को तरस रहे ग्रामीण।

वीरेन्द्र सिंह (कम्यूनिटी जर्नलिस्ट)

बेलहरा (बाराबंकी)। भारत गाँवों में बसता है, ये मात्र एक कहावत रह गयी है इसीलिए हर चुनाव पर सरकारें गाँवों में हर सुविधाएं पहुंचाने का दावा करती हैं और फिर भूल जाती हैं। जब अगला इलेक्शन आता है तो फिर से अपने पुराने दावे को नया कर देती हैं। इन्हीं दावों में से एक था हर गाँव को मुख्य मार्ग से जोड़ने का, लेकिन आजादी के 67 साल से बीत जाने के बाद भी गाँवों में पक्की रोड के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं।

बाराबंकी जिला मुख्यालय से 30 किमी दक्षिण दिशा में विकास खण्ड फतेहपुर के लगभग 200 आबादी वाले पहाड़पुर गाँव की हालत अत्यधिक दयनीय है। इस गाँव के लिए आधारभूत सुविधाएं एक भी नहीं हैं। ग्रामीणों के आने जाने के लिए सिर्फ एक पगडंडी है, जो डेढ़ किलोमीटर दूर मुख्य मार्ग से मिलती है। इस पगडंडी पर लोग कई बार दुर्घटना का भी शिकार हुए हैं। विद्युत विभाग ने बिजली के लिए गाँव में खम्भे और तार तो जरूर लगा दिए हैं, लेकिन शायद इन तारों में करंट देना भूल गये। गाँव के अधिकांश लोगों के राशन कार्ड ऑनलाइन होने के बाद भी नहीं बन सके हैं।

गाँव के राम दिनकर शुक्ला (53 वर्ष) बताते हैं, पहाड़पुर में दो सम्पर्क मार्ग हैं। एक पर तो हमेशा पानी भरा रहता है और दूसरा खेतों के बीच में बहुत सकरा रास्ता है। जिस पर केवल दोपहिया वाहन ही निकल सकते हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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