गरीब ग्रामीणों को घर देने का प्रधानमंत्री का वादा कैसे पूरा करेगा ग्रामीण मंत्रालय?

Devanshu Mani TiwariDevanshu Mani Tiwari   12 Jan 2017 11:46 AM GMT

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गरीब ग्रामीणों को घर देने का प्रधानमंत्री का वादा कैसे पूरा करेगा ग्रामीण मंत्रालय?प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल के भाषण पर ग्रामीण गरीबों को अतिरिक्त आवास देने का जो वादा किया था।                                                         फोटो: विनय गुप्ता

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल के भाषण पर ग्रामीण गरीबों को अतिरिक्त आवास देने का जो वादा किया था, उसे पूरा करने में उनकी सरकार काफी पीछे रह गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय को एक वर्ष में हर दिन लगभग 15,000 नए घर रोज़ बनवाने होंगे। वहीं यूपी में 24 लाख आवासों की मांग है लेकिन अभी तक उनकी नींव भी नहीं पड़ी है।

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की स्थिति देखी जाए तो योजना की शुरुआत से अभी तक किसी भी ग्रामीण आवास की नींव भी नहीं पड़ी है, कार्रवाई कागजों तक सीमित है। यूपी में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के कार्यक्रम अधिकारी अतुल चौहान बताते हैं, ‘’प्रदेश में अभी हमें 24 लाख आवासों की डिमांड मिली है। मौजूदा समय में सभी पात्रों की पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, करीब 10,000 पात्रों को आवास आवंटित भी किए जा चुके हैं। निर्माण कार्य आचार संहिता खत्म होने के बाद शुरू होगा।’’

यूपी में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में हो रही कार्यवाई की जानकारी लेने के लिए गाँव कनेक्शन ने चार जिलों (लखनऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली और अमेठी) के मुख्य विकास अधिकारियों व प्रोजेक्ट डायरेक्टर (डीआसडीए) से बात की पर सभी जिलों में अभी आवासों के पात्रों की पंजीकरण प्रकिया ही पूरी की जा रही है। (योजना में लखनऊ को 5,800 आवास, प्रतापगढ़ को 10,713 आवास, रायबरेली को 12,098 और अमेठी को 7,715 आवास मिले हैं)

राज्यों में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में तेज़ी लाने के लिए सरकार ने जिला स्तर पर 50 फीसदी लक्ष्य जल्द पूरा करने पर जिलाधिकारियों को केंद्र की तरफ से सम्मानित करने का भी ऐलान किया है। इसके लिए प्रदेश में जिलाधिकारियों ने जिलों के सीडीओ को निर्देश भी दे दिए हैं।

प्रदेश में अभी हमें 24 लाख आवासों की मांग है। मौजूदा समय में सभी पात्रों की पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, करीब 10,000 पात्रों को आवास आवंटित भी किए जा चुके हैं। निर्माण कार्य आचार संहिता खत्म होने के बाद शुरू होगा।
अतुल चौहान, कार्यक्रम अधिकारी, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना

केंद्र सरकार ने पुरानी इंदिरा आवास योजना का नवंबर 2016 से नाम बदलकर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना रख दिया और योजना के अंतर्गत आने वाले आवासों की संख्या में इस वर्ष 33 फीसदी घरों की संख्या भी बढ़ा दी है। इस नए संशोधन के साथ अब एक वित्तीय वर्ष में ग्रामीण विकास मंत्रालय को प्रति वर्ष 33 लाख घरों की जगह 44 लाख नए आवास बनाने होंगे। साथ ही मंत्रालय को पिछले सत्र में बचे हुए 12 लाख घरों का निर्माण भी करवाना होगा यानी कि मंत्रालय को एक वर्ष में अब 56 लाख घर बनवाने होंगे।

44 लाख आवास बना पाना कठिन

प्रधानमंत्री का सपना पूरा करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को आवास बनाने की अपनी रफ्तार में बहुत तेज बढ़ोत्तरी लानी होगी क्योंकि पिछले पांच वर्षों में मंत्रालय लगभग 18 लाख ग्रामीण आवासों का ही निर्माण करा सका है। ऐसे में 44 लाख अतिरिक्त आवास बना पाना मंत्रालय के लिए कठिन होगा। इससे पहले यूपीए सरकार ने अपनी इंदिरा आवास योजना में एक आवास और शौचालय के निर्माण पर दी जाने वाली धनराशि 82,000 रुपए रखी थी। वहीं अब प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में एक आवास पर 1.3 लाख रुपए की धनराशि दी जा रही है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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