यूपी में सैकड़ों गेहूं खरीद केंद्रों पर पहले दिन नहीं हुई बोहनी

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यूपी में सैकड़ों गेहूं खरीद केंद्रों पर पहले दिन नहीं हुई बोहनीपहले दिन ज्यादातर गेहूं खरीद केंद्रों पर नजर आया सन्नाटा।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। प्रदेश में गेहूं खरीद के पहले दिन किसानों के साथ केंद्रों पर किसानों के साथ अप्रैल फूल मनाया गया। कहीं गेहूं क्रय केंद्रों पर अव्यस्था दिखी तो कहीं सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। सैकड़ों केंद्रों पर पहले दिन बोहनी तक नहीं हुई।

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गाँव कनेक्शन ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पहले दिन जब गेहूं क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया तो लगभग हर केंद्र में अव्यवस्था नजर आई। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बावजूद भी पहली अप्रैल से शुरू हुई 5,000 गेहूं खरीद केंद्रों में किसानों के लिए अव्यवस्थाएं हावी रहीं। कई जगह गेहूं खरीद उपकरण सही नहीं थे, तो कहीं आदेशानुसार व्यवस्था चौपट दिखी।

दूसरी ओर अधिकतर क्रय केंद्रों में तैयारी के बाद भी किसान गेहूं बेचने नहीं आए और सन्नाटा पसरा रहा। गोरखपुर के ब्लॉक खजनी के ग्राम सैरो के किसान ओम प्रकाश यादव ने बताया कि पिछले हफ्ते की पांच बीघे में तैयार हुई अपने गेहूं की फसल की कटाई का काम पूरा किया हूं। गेहूं बेचने के आज साधन सहकारी समिति भैंसाबाजार गया था। वहीं पर गेहूं क्रय केन्द्र बनाया गया है, लेकिन बताया गया कि अभी कांटा लगने से दूसरी तैयारियों में एक दो दिन का समय लगेगा।

वहीं, महाराजगंज के ब्लॉक पनियरा के गांगी बाजार के किसान मनोज चौधरी ने बताया कि हमारे गांव में किसानों से गेहूं की खरीद के लिए हर साल साधन सहकारी समिति गांगी में क्रय केन्द्र बनाया जाता है। इस साल सरकार की घोषणा के बाद भी अभी तक साधन सहकारी समिति में अभी क्रय केन्द्र की शुरुआत नहीं हुई।

हालांकि अभी हमारे क्षेत्र में बहुत कम ही गेहूं की कटाई हुई है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में अभी तक 80 प्रतिशत से ज्यादा गेहूं की कटाई नहीं हुई है। ऐसे में गेहूं की फसल अभी तैयार ही नहीं हुई है। नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक एनके सिंह बताते हैं, ‘’प्रदेश में गेहूं की फसल की कटाई 15 अप्रैल तक तैयार होगी। इस बार मौसम अनुकूल रहने के बाद भी अभी तक गेहूं की फसल पूरी तरह तैयार नहीं हुई है।’’

उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल के बाद गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसानों की भीड़ उमड़ सकती है। इस बार प्रदेश में गेहूं की अच्छी पैदावार होने की संभावना है। प्रदेश सरकार ने इस बार 80 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है और प्रदेश के इस साल 9900 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है, जो पिछले एक दशक की तुलना में बहुत ज्यादा है। ऐसे में पैदावार होने की भी अधिक उम्मीद है। पूरे देश में जो गेहूं पैदा होता है, उसमें 34.71 फीसदी गेहूं का उत्पादन अकेले उत्तर प्रदेश करता है। वहीं उन्नाव के बीघापुर स्थित पीसीएफ गोदाम में एक भी किसान से गेहूं खरीद नहीं हो सकी।

वहीं, गेहूं क्रय केंद्र पर न ही किसानों को पानी के लिए व्यवस्था की गई, न ही नए बोरे मिले। निरीक्षण करने पहुंचे उपजिलाधिकारी उदय भान सिंह ने केंद्र में अव्यवस्था देखते हुए केंद्र प्रभारी नरेश चंद्र शुक्ल को आड़े हाथों लिया। वहीं, चित्रकूट में भी मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में गेहूं खरीद हेतु जिलाधिकारी द्वारा जिले में कुल 30 गेहूं क्रय केन्द्र संचालन के लिए अनुमोदन प्रदान किया गया।

चार एजेंसियों की एक-एक शाखा जिला मुख्यालय की गल्ला मण्डी परिसर में खोली गयी और जिले के पांचों विकासखण्डों के मुख्यालयों में भी एक-एक शाखाएं खोली गयी है, जिससे किसानों को कोई दिक्कत न हो। लगभग सभी एजेन्सियों ने गेहूं खरीद के लिए आवश्वयक सामग्री जैसे बोरा छन्ना, पंखा, कोटा, नमी मापक यन्त्र किसानों के पीने के लिए पानी की व्यवस्था की।

आज लगभग किसी केन्द्र में गेहूं नहीं आया था, हालांकि किसान केन्द्रों में जानकारी लेने के लिए जरूर आए। जबकि एटा में गेहूं खरीद को लेकर जिले को शासन ने 90 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया है। इसके लिए जिले में 78 सरकारी क्रय केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें सहकारी समिति, पीसीएफ और एफसीआई के केंद्र शामिल हैं।

इन केंद्रों पर शनिवार को जिले में किसी भी किसान से गेहूं नहीं बेचा। इसके चलते केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं केंद्र संचालक अवस्थापना सुविधाओं को पूरा करने में जुटे रहे। विपणन अधिकारी प्रज्ञा शर्मा ने बताया कि जिले में 1625 रुपये कुंतल की दर से गेहूं की खरीद की जाएगी। किसानों को कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी। यदि कोई शिकायत या समस्या होती है, तो किसान सीधे मुझे बता सकते हैं।

मैनपुरी: व्यापारी देते हैं नकद रुपए

मैनपुरी में पहली अप्रैल से शुरू हुई सरकारी गेहूं खरीद की व्यवस्था धड़ाम हो गई। क्रय केंद्रों पर समर्थन मूल्य जहां 1625 रुपए प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है, वहीं निजी आढ़तियों द्वारा 1605 रुपए प्रति कुंतल की दर से गेहूं ख़रीदे गए। किसानों का कहना है कि उन्हें व्यापारी नकद रुपए देते हैं, जबकि सरकारी धनराशि के लिए परेशान होना पड़ता है।

रायबरेली: पहले दिन कोई नहीं आया

जि़ले के बछरावां की तिलेंडा ग्राम सभा में यूपी एग्रो के गेहूँ खरीद केंद्र में भी पहला दिन खाली रहा। केंद्र के प्रभारी मुकुल कुमार ने बताया कि पहले दिन तक कोई किसान नहीं आया। सुबह से हमने खरीद केंद्र पर किसान के आने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि क्रय केंद्र में व्यवस्थाएं अधिकारियों की ओर से मुस्तैद की गई। किसानों के लिए सभी इंतजाम दिखाई दिए।

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