चूहे कुतर सकते हैं प्रत्याशियों का भविष्य
गाँव कनेक्शन 9 Feb 2017 12:39 PM GMT

राजीव शुक्ला, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में चुनाव में वोट पड़ने के बाद प्रत्याशियों का भविष्य खतरे में पड़ने की प्रबल संभावना है क्योंकि कानपुर में वोटिंग के बाद 10 विधान सभाओं की ईवीएम मशीनें जहां रखी जानी हैं, वहां पर मौजूद चूहों की फ़ौज की मौजूदगी सभी प्रत्याशियों की नींद को उड़ा रही है। इस बात का डर अधिकारियों को भी डरा रहा है कि क्योंकि ईवीएम वोट पड़ने के बाद चूहे ईवीएम मशीन को खराब कर सकते हैं।
बता दें कि कानपुर जिला निर्वाचन आयोग ने वोटिंग के बाद ईवीएम मशीनें नौबस्ता थाना के गल्ला मंडी में रखवाने की व्यवस्था की है। वहां पर चूहों की संख्या ज्यादा होने से गल्ला मंडी के व्यापारियों का भी कई बार नुकसान हो चुका है। ऐसे में एक जरा सी लापरवाही से प्रत्याशियों के भविष्य को चूहों की फौज कुतर सकती है। यही कारण है कि कानपुर में विधान सभा चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशी के दिल में इस बात की दहशत है और वो सभी इस बात को लेकर संशय में हैं।
करीब सप्ताह भर पहले मंडी परिसर के निरीक्षण के दौरान यह जानकारी मिली थी कि जिन कमरों में ईवीएम रखी जानी हैं, वहां चूहों ने पहले से बड़े-बड़े बिल खोद रखे हैं। यह चूहे ईवीएम के लिए खतरा भी बन सकते हैं। इसलिए इन बिलों को बंद कराने के आदेश दिए गए हैं।कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी।
इस संबंध में कानपुर के गल्ला कारोबारी श्याम गुप्ता बताते हैं, “हम सभी इन चूहों के आतंक से वैसे भी सहमे रहते हैं। बड़े-बड़े चूहे मंडी की फड़ों को खोखला कर चुके हैं और पूरी गल्ला मंडी में चूहों ने मांद बना रखी है। सभी चबूतरे भीतर से खोखले हो चुके हैं। कई स्थानों पर बड़े-बड़े होल हैं, जो चूहों की वजह से हैं। हालत यह है कि पूरी मंडी में चूहों का आतंक है। मंडी अधिकारियों ने कई बार मेंटीनेंस कराया, लेकिन दो से तीन महीने में फिर से वही स्थिति आ जाती है और चूहे चबूतरों को फिर से खोखले कर देते हैं।
मुश्किल है सुरक्षा
जिलाधिकारी के आदेश पर मंडी प्रशासन ने सीमेंट-कंक्रीट से मरमम्त का कार्य भी शुरू करा दिया है, लेकिन यहां चूहों के आतंक इतना ज्यादा है कि मौजूद चूहों और उनके आतंक को देखते हुए यह कह पाना मुश्किल है कि यहाँ 19 फरवरी से 11 मार्च तक ईवीएम सुरक्षित रह पाएंगी।
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