बुज़ुर्गों को बचपन की याद दिला रहा ‘उमंग’ 

Devanshu Mani TiwariDevanshu Mani Tiwari   26 March 2017 3:04 PM GMT

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बुज़ुर्गों को बचपन की याद दिला रहा ‘उमंग’ रस्साकसी खेल में बच्चों के साथ ही बड़ों ने भी लिया भाग।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

रायबरेली। रानानगर कॉलोनी के प्रेम नारायण शुक्ल (65 वर्ष) आज सुबह उठकर घर पर कसरत करने के बजाए सीधे खेल के मैदान में रस्सा-कस्सी में भाग लेने पहुंच गए। प्रेम नारायण शुक्ल की तरह ही कई और भी बुजुर्ग अपने बचपन में खेलों के जरिए पहुंच गए थे।

इससे पहले सुबह उठकर खेल के मैदान में वो 40 साल पहले गए थे जब अपने गाँव में वो कबड्डी खेला करते थे। प्रेम नारायण बताते हैं, "गाँव में सुबह उठकर माँ से बिना बताए छुट्टियों में रस्साकस्सी, कबड्डी, रुमाल झपट्टा जैसे खेल खेलने निकल जाते थें। बाद में घर आने पर डांटे जाते थे। आज उमंग में आकर पुरानी यादें ताज़ा हो गईं।"

रायबरेली जिला वरिष्ठ जन कल्याण समिति की मदद में बुज़ुर्गों और महिलाओं के लिए हर वर्ष उमंग खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इसकी खास कार्यक्रम में बुज़ुर्गों के लिए रस्साकस्सी, वॉलीबॉल, लंबी दौड़,म्यूज़िकल चेयर, कैटवॉक और रुमाल झपट्टा जैसे खेलों का आयोजन किया जाता है।

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) की वर्ष 2015 की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले वर्ष की तुलना में मोबाइल इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में 100 फीसदी की बढ़त हुई है। लोगों के मोबाइल की तरफ बढ़ते रुझान के कारण गाँवों में पुराने खेल कम होते जा रहे हैं।ऐसे उमंग जैसे आयोजन इन पुराने खेलों को फिर से जीवित रखने का अच्छा मंच साबित हो सकते हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग में जिले के टांडा गांव के पूर्व माद्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य पद से दो वर्ष पहले रिटायर हो चुके राम कुमार तिवारी (64वर्ष) को 20 वर्ष बाद वॉलीबॉल खेलने को मिला।

वॉलीबॉल प्रतियोगिता में भी लिया भाग

वॉलीबॉल प्रतियोगिता में भाग ले रहे राम कुमार तिवारी बताते हैं, "बढ़ती उम्र के साथ साथ सेहतमंद रहना बहुत ज़रूरी होता है। उमंग खेल कार्यक्रम हम सभी के लिए एक अच्छी कोशिश है। इसे साल में दो बार होना चाहिए।"

उमंग खेल कार्यक्रम में बुज़ुर्गों के साथ किशोरियों और महिलाओं ने भी रस्सा-कस्सी और रुमाल झपट्टा प्रतियोगिता में अपना हाथ आज़माया। उमंग कार्यक्रम में बुज़ुर्गों का हौसला बढ़ाने के लिए बच्चों को मुख्य अतिथियों के तौर पर बुलाया गया।

उमंग खेल कार्यक्रम में बुज़ुर्गों के साथ किशोरियों और महिलाओं ने भी रस्सा-कस्सी और रुमाल झपट्टा प्रतियोगिता में अपना हाथ आज़माया

उमंग 2017 कार्यक्रम के बारे में आयोजक गौरव अवस्थी ने बताया, "कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में जिले के दूर दराज के क्षेत्रों से आए बुज़ुर्गों ने भाग लिया। रात में होने वाले आयोजन में महिलाओं के लिए कैटवाक और कई सांस्कृतिक गतिविधियां भी होंगी।"

    

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