महिला सामाख्या की लाखों कार्यकर्ताओं को राहत, हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीज खातों पर से रोक हटी, गाँव कनेक्शन ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा

Neetu SinghNeetu Singh   1 Feb 2017 7:49 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
महिला सामाख्या की लाखों कार्यकर्ताओं को राहत, हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीज खातों पर से रोक हटी, गाँव कनेक्शन ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दाहाईकोर्ट के आदेश के बाद सीज खातों पर से रोक हटी

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। अब महिला सामाख्या से जुड़ी लाखों महिलाओं को घर चलाने के लिए दर-दर ठोकरे नहीं खानी होंगी। हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए खातों पर से लगी रोक हटा दी है। इसके बाद पिछले आठ महीनों से रुकी इन लाखों महिलाओं सैलरी जल्द ही उनके खातों में पहुंच जाएगी।

ये भी पढ़ेः एक अफसर का दंभ: सीएम के आदेशों की अवहेलना, बीस लाख लोगों पर असर

इससे पहले इन महिलाओं की समस्या उठाते हुए गाँव कनेक्शन प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। बहराइच जिले में महिला सामाख्या की जिला समन्यवक रज्बुल निशां ने गाँव कनेक्शन को बताया, “कोर्ट के फैसले से हम बहुत खुश हैं, जैसे ही हमारे जिले की महिलाओं को पता चला कि अब उनका पैसा जल्द ही उन्हें मिल जाएगा, सब बार-बार फोन करके अपनी खुशी जाहिर कर रही हैं।”

हमने कोर्ट में अपनी बात रखी कि कैसे बेसिक शिक्षा विभाग से महिला एवं बाल कल्याण विभाग में महिला सामाख्या के प्रोग्राम को ट्रांसफर करना गलत नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने मुकदमे को खारिज करते हुए फैसला हमारे पक्ष में दिया। फिर जो परियोजना निदेशक को लेकर चुनौती दी गई थी, वह भी खत्म हो गई है।
यशोवर्धन स्वरूप, अधिवक्ता,

कोर्ट के आदेश के बाद महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने सभी बैँकों को पत्र लिखकर खाते शुरू करने को कहा है। “महिला सामाख्या हमारे विभाग में समायोजित हो चुका है, अब जो भी निर्णय होंगे वो अब महिला एवं बाल कल्याण विभाग ही लेगा, इसमें अब बेसिक शिक्षा का अब कुछ लेनादेना नहीं है।” महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने कहा, महिलाओं का रुका हुआ पैसा उन्हें मिलने के बारे में प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने कहा, “वित्त विभाग से बात कर रहे हैं, जल्द ही कुछ समाधान निकलेगा, मैं कोशिश करूंगी जल्द महिलाओं का पेमेंट मिल जाए।”

सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि वैधानिक रूप से महिला एवं बाल कल्याण विभाग महिला सामाख्या के प्रोग्राम में निर्णय लेने का अधिकार रखता है।
स्मृति सिंह, राज्य परियोजना, महिला सामाख्या

साथ ही आगे कहा, “हमारे परियोजना निदेशक पद को लेकर जो भ्रम की स्थिति बनी हुई थी मंगलवार को कोर्ट में वो भी स्पष्ट हो गई। कोर्ट के इस फैसले से हमारी महिलाएं बहुत खुश हैं और उम्मीद है 15-20 दिन में उनका रुका हुआ पैसा मिल जाएगा।” स्मृति सिंह ने आगे बताया, “मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने भी बेसिक शिक्षा सचिव को निर्देशित कर रखा है कि महिलाओं का रुका हुआ पेमेंट जल्द से जल्द दिया जाए।”

-महिला सामाख्या से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए, क्या था मुद्दा और क्यों सीएम और हाईकोर्ट तक को देना पड़ा दखल


एक अफसर का दंभ: सीएम के आदेशों की अवहेलना, बीस लाख लोगों पर असर


This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.