सिद्धार्थनगर: यहां बच्चों संग बड़े भी सीखते हैं अभिनय

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
सिद्धार्थनगर: यहां बच्चों संग बड़े भी सीखते हैं अभिनयसिद्धार्थनगर की गैर सरकारी संस्था नवोन्मेष पिछले दस वर्षों से जिलेभर में नाटकों के जरिए ग्रामीणों में दहेज, बाल विवाह, इंसेफ्लाइटिस जैसे कई मुद्दों पर जागरूक कर रही है।

दिवेन्द्र सिंह, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

सिद्धार्थनगर। यहां ग्रामीणों को नाटकों के जरिए सिखाया जाता कि कैसे जापानी इंसेफ्लाइटिस जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। जिला कारागार में बंद कैदियों को नाटकों के जरिए सिखाया जाता है कि अपनी भावनाओं को कैसे व्यक्त कर सकते हैं।

सिद्धार्थनगर की गैर सरकारी संस्था नवोन्मेष पिछले दस वर्षों से जिलेभर में नाटकों के जरिए ग्रामीणों में दहेज, बाल विवाह, इंसेफ्लाइटिस जैसे कई मुद्दों पर जागरूक कर रही है। नवोन्मेष संस्था की शुरुआत करने वाले विजित सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक, मनिपाल विश्वविद्यालय से एमबीए और भारतेन्दु नाट्य अकादमी से थियेटर की पढ़ाई की है।

भारतेन्दु नाट्य अकादमी में पढ़ाई के दौरान मुझे मुम्बई जाने का मौका मिला लेकिन मैं अपने जिले में ही कुछ करना चाहता था। तब लोगों ने मुझे संस्था का रजिस्ट्रेशन कराने की सलाह दी।
विजित सिंह, नवोन्मेष संस्था के संस्थापक

नवोन्मेष संस्था के माध्यम से सिद्धार्थनगर में पिछले पांच वर्षों से नाट्य उत्सव का भी आयोजन किया जाता है। इसमें देश भर के कलाकर हिस्सा लेते हैं। विजित बताते हैं, ‘पहले साल में तीन दिन का नाट्य उत्सव का आयोजन किया गया, दूसरे साल चार दिनों का लेकिन देश भर के कलाकर यहां आना चाहते थे इसलिए अब सात दिनों का नाट्य उत्सव का आयोजन किया जाता है।’ वो आगे कहते हैं, ‘मेरे आने से पहले सिद्धार्थनगर में थियेटर शून्य था, लेकिन अब लोगों का रुझान थियेटर और नाटकों के प्रति बढ़ रहा है।’

ग्रामीण बच्चों संग रंगमंच

ग्रामीण छात्र-छात्राओं को रंगमंच की बारीकियों से परिचित कराने और उनमें उपस्थित अभिनय क्षमता को उकेरने हेतु नवोन्मेष द्वारा ‘आओ नाटक करें’ कार्यक्रम का आयोजन कराती है। इस आयोजन में छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह से प्रतिभाग करते हुए अपने हुनर को निखारने के गुण सिखाया जाता है।

‘आओ नाटक करें’ का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण अंचल में पल रही उन प्रतिभाओं को आगे लाना है जो उचित मार्गदर्शन के अभाव में खुद को तराश नहीं पा रहे हैं। इस आयोजन से ‘नवोन्मेष’ को तमाम ऐसे ग्रामीण बच्चे मिले जिनमें मौलिक अभिनय क्षमता है और अगर उन्हें नियमित प्रशिक्षण मिले तो वो अभिनय जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बना सकते हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

       

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.