अच्छी नौकरी की तलाश में यूपी के सैकड़ों सौर मित्र

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अच्छी नौकरी की तलाश में यूपी के सैकड़ों सौर मित्रलखनऊ के यूपीनेडा ट्रेनिंग सेंटर (चिनहट) में प्रशीक्षण लेते युवा

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ।
लखनऊ के मानस नगर इलाके में रहने वाले जीतेंद्र कुमार (26 वर्ष) 2014-15 में यूपीनेडा के ट्रेनिंग सेंटर से सोलर पैनल की मरम्मत और सोलर फोटोवोल्टिक सिस्टम की स्थापना करने की ट्रेनिंग ले चुके हैं। ट्रेनिंग लेने के बावजूद वो लखनऊ की एक प्राईवेट सोलर पैनल लगवाने वाली कंपनी में कम पैसों पर काम करने के लिए मजबूर हैं।

अपनी परेशानी बताते हुए जीतेंद्र ने बताया, ''हमारी ट्रेनिंग के दौरान हमें गाँवों में जाकर खराब पड़े सोलर पैनल ठीक करने और सरकारी योजनाओं में घरों पर सोलर लाइट लगाने का काम मिलना था, लेकिन अभी हम एक निजी सोलर कंपनी में काम कर रहे हैं। यहां पैसे भी कम मिलते हैं और ऑर्डर मिलने पर ही काम मिलता है।''

वैकल्पिक ऊर्जा की मदद से उत्तर प्रदेश के गाँवों से बिजली उप्लब्ध करवाने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों के गाँवों और तहसीलों में सौर मित्रों की नई सिरे से नियुक्ति करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री की इस योजना के तहत प्रदेश के 25,000 युवाओं को रोजगार दिया जाना है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यूपीनेडा के अंतर्गत सौर मित्र प्रोगाम में ट्रेनिंग ले चुके युवाओं को अभी तक किसी भी सरकारी योजनाओं में रोज़गार नहीं दिलवाया जा सका है।

हरदोई जिले के नानकगंज गाँव के उस्मान अली (27 वर्ष) ने यूपीनेडा ट्रेनिंग सेंटर से 2014 के बैच में सोलर पैनल को बांधने और रिपेयरिंग का प्रशीक्षण ले चुके हैं। ट्रेनिंग के बावजूद भी आजतक उन्हें कोई नौकरी नहीं मिली है।नौकरी ना मिलने के कारण आजकल उस्मान एक प्राईवेट स्कूल में पढ़ा रहे हैं। ''हमने ट्रेनिंग में इतना सीख लिया है कि हम किसी भी खराब सोलर लाइट या उपकरण को बना सकते हैं और नया लगा भी सकते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार नए सौर मित्रों को नौकरी देने से पहले पुराने सौरमित्रों को नौकरी देने पर भी ध्यान दे।'' उस्मान ने बताया।

यूपीनेडा के 'सौर मित्र' ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत प्रदेश में अभी तक 242 लोगों को ट्रेनिंग मिलने के बाद विभाग व अन्य सौर ऊर्जा पर आधारित प्राइवेट कंपनियों में नौकरी दी गई है। मौजूदा समय में विभाग के अंतर्गत 227 लोगों की यह ट्रेनिंग दी जा रही है। इस ट्रेनिंग का हिस्सा बनने के लिए पात्र को ग्रेजुएट होना ज़रूरी है। सौर मित्रों का उद्देश्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से चलने वाले सस्ते उपकरण लोगों तक पहुंचाना और उन्हें इस्तेमाल करने के लिए लोगों को प्रेरित करना है।

यूपीनेडा में सौर मित्र कार्यक्रम में ट्रेनिंग ले चुके कानपुर जिले के बृजमोहन यादव ( 29 वर्ष) को अभी तक नौकरी नहीं मिल पाई है।बृजमोहन बताते हैं, ''ट्रेनिंग के बाद हमें कानपुर के बिंधौर में सनलाइफ प्राईवेट सोलर सोलर कंपनी में नौकरी मिली थी, लेकिन पैसे कम मिलने के कारण हमने काम छोड़ दिया, अभी कुछ नहीं कर रहे हैं।''


प्रदेश सरकार सूर्य मित्र योजना के तहत इस वर्ष यूपी के 25 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। इस योजना के पहले हिस्से में प्रदेश में करीब 10 हज़ार युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।
फरुख्खाबाद जिले के कान्हेपुर गाँव के अंकुर कुमार (27 वर्ष) ने सौर मित्र कार्यक्रम के तहत सोलर पावर पैक इंस्टालेशन और सोलर फोटोवोल्टिक सिस्टम की रिपेयरिंग और मेंटीनेन्स का प्रशीक्षण से चुके हैं। अंकुर बताते हैं, ''ट्रेनिंग खत्म होने के बाद हमने फरुख्खाबाद में ही सूकैम कपंनी में टेक्नीशियन के तौर पर काम किया। प्राईवेट काम में पैसा नहीं है, इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार हमें किसी आवास योजना में काम दिलाए।"

       

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