टीचर ने अपनी सैलरी से खरीदे मिड-डे-मील के लिए बर्तन

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टीचर ने अपनी सैलरी से खरीदे मिड-डे-मील के लिए बर्तनफोटो: विनय गुप्ता।

श्रीवत्स अवस्थी (स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क)

उन्नाव। परिषदीय विद्यालयों का नाम लेते ही जेहन में जो तस्वीर कौंधती है वह अमूमन अच्छी नहीं होती। मगर जिले के कुछ परिषदीय स्कूलों ने अब इस धारणा को बदलने पर विवश कर दिया है। इसके पीछे उन विद्यालयों के प्रधान शिक्षक का विशेष योगदान है।

इन्ही में से एक है नवाबगंज ब्लाक का सोहरामऊ प्राथमिक विद्यालय। यहां की प्रधान शिक्षक डा. स्नेहिल पाण्डेय के प्रयासों से इस स्कूल को इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल का दर्जा प्राप्त कर रखा है। डा. पाण्डेय ने अपने कार्यों की श्रृंखला में एक नई उपलब्धि जोड़ ली है। डा. पाण्डेय ने मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) साफ-सुथरा व गुणवत्तापरक बन सके इसके लिए अपनी सैलरी से रसोई के बर्तन खरीद स्कूल में रखवा दिए। खरीदकर आए नए कुकर में डा. पाण्डेय ने खुद ही भोजन पकाया।

हमारा प्रयास है कि छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ ही गुणवत्तापरक भोजन मिल सके। विद्यालय खुलने के बाद सबसे पहले छात्र प्रार्थना सभा में शामिल होते हैं। इसके बाद उन्हे योग कराया जाता है। समय समय पर बच्चे खेल प्रतियोगिताओं में भी शामिल होते हैं।
डा. स्नेहिल पाण्डेय, प्रधान शिक्षक

हाल ही में जिलास्तर पर हुई खेलकूद प्रतियोगिता में उनके विद्यालय के बच्चे प्रथम आए थे। बर्तन खरीदने की बात पर वह बताती हैं कि एमडीएम का सामान सुरक्षित रखने के विकल्प उनके पास मौजूद नहीं थे। जिसकी वजह से उन्होंने बर्तन खरीदे। अब एमडीएम का सामान सुरक्षित रह सकेगा। वह बताती हैं कि यह खरीददारी मैंने अपने बच्चों को स्वच्छ गुणवत्तापरक व स्वादिष्ट खाना खिलाने के लिए किए हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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