घूंघट से आना होगा बाहर, तभी मिलेगा सम्मान

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
घूंघट से आना होगा बाहर, तभी मिलेगा सम्मानगांव कनेक्शन फाउंडेशन की चौपाल में महिलाओं ने सीखी राजनीति। 

इश्त्याक खान, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

औरैया। 21वीं सदी की महिलाएं आज भी 18वीं सदी में जी रही हैं। अपने हक के लिए भी वह घूंघट से बाहर नहीं आना चाहती हैं। महिला सीट पर चुनाव महिला लड़ती है और राजनीति पुरूष करते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए। महिलाएं नजरों और भाषा से बड़ों का सम्मान करें, घूंघट से नहीं। गांव पाता मजरा में महिला समाख्या और गांव कनेक्शन फाउंडेशन की चौपाल में महिलाओं को राजनीति का पाठ पढ़ाया गया।

महिलाओं से संबन्धित सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

शहर से 25 किलोमीटर दूर अछल्दा ब्लॉक के गांव पाता मजरा में महिलाओं को राजनीति का पाठ पढ़ाया गया। महिला समाख्या की संध्या देवी ने बताया कि महिला अगर प्रधान है तो महिलाएं बात करने में नहीं कतराएंगी और पुरूष से अपनी बात कहने में महिलाओं को झिझक लगती रहती है। इसलिए महिलाओं को प्रत्येक काम करने और लोगों की मदद को घूंघट से बाहर आना होगा। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं बुजुर्गों के सामने घूंघट का सम्मान कर लेती हैं लेकिन उनसे बुरा भला कहने में नहीं झिझकती हैं, यह बिल्कुल गलत है।

‘राजनीति में स्वयं आगे आएं महिलाएं’

बबली ने आगे कहा, “राजनीति में बीडीसी, प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति के पद तक महिलाएं राजनीति कर रही हैं, क्या वे परिवार से नहीं हैं। वे सामंजस्य बनाकर चलती हैं। इसलिए महिलाएं परिवार से सामंजस्य बनाकर चलें और राजनीति में स्वयं आगे आएं।” उन्होंने कहा कि अफसर शाही में एक चपरासी से लेकर पीसीए, पीसीएस जे, आईएएस, आईपीएस, आईएफएस से लेकर विदेशों में भारतीय महिलाएं अपना परचम लहरा रही हैं।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

             

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.