कुपोषण को खत्म करेंगे ये पंच तत्व

Swati ShuklaSwati Shukla   15 Feb 2017 1:31 PM GMT

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कुपोषण को खत्म करेंगे ये पंच तत्वएफएसएसएआई की समिति ने कुपोषण को रोकने के लिए शुरू की पहल।

स्वयं डेस्क प्रोजेक्ट

लखनऊ। भारत में कुपोषण को रोकने और खाने-पीने की चीजों को सुरक्षित बनाने के भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार (एफएसएसएआई) ने वैज्ञानिकों के साथ एक समिति बनाई है। यह समिति कुपोषण की समस्या के निराकण के उपाय भी बताएगी। समिति ने ऐसे पांच खाद्य पदार्थों को अंतिम रूप दिया है, जो पौष्टिक होने के साथ-साथ सस्ते भी हैं और कुपोषण रोकने में कारगार साबित होंगे।

कुपोषण को रोकने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एव मानक प्राधिकार गेहूं का आटा, चावल, नमक, दूध और खाद्य तेलों को पौष्टिक तत्व सम्पन्न बनाना अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। क्योंकि ये खाद्य पदार्थ सस्ता होने के साथ-साथ कुपोषण को जल्दी रोकने का काम करेगा।

खाद्य उत्पादों को उपभोग के लिए सुरक्षित बनाने के लिए इन नियमों में नमक में लौह और आयोडीन के लिए मानक तय किया गया है। इसी प्रकार वनस्पति तेलों और दूध के साथ विटामिन ए और विटामिन डी का मानक तय किया गया है। गेहूं का आआ और चावल के साथ लौह तत्व विटामिन बी 12, फेलिक एसिड, विटमिन ए, जस्ता और कुछ अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों के लिए मानक तैयार किये गये हैं।

ये वो खाद्य पादार्थ हैं, जो गाँवों में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। एफएसएसएआई फूड फोर्टिफिकेशन की अनुमति देने के बारे में दिशा-निर्देश इसी महीने जारी करेगी। इसके बाद अक्तूबर को एफएसएसएआई दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन करेगा। जिसके तहत वो खाका तैयार करेगा, जिसमें खाद्य पौष्टीकरण की जानकारी दी जायेगी। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत कुपोषण से निपटने के तैयार किये गये मानकों को भी बताया जायेगा।

बढ़ते कुपोषण को रोकने के लिए यह सस्ता और जल्दी निपटने का तरीका है। पौष्टीकरण से कुपोषण हम दूर करना चाहते हैं। जल्द ही कुछ राज्यों में पौष्टीकरण शुरू करना चाहते हैं, इसलिए हम मसौदे को शीघ्र परिचालन में लाएंगे। इसके लिए इससे संबंधित पक्षों से सुक्षाव और टिप्पणी भी मांगी गई है।
पवन अग्रवाल, सीईओ, एफएसएसएआई

इस बारे में खाद्य सुरक्षा एवं औपधि प्रशासन विभाग, अपर आयुक्त प्रशासन राम अरज मौर्या बताते हैं कि ये खाद्य पदर्थ कुपोषण को रोकने के लिए बहुत अच्छे हैं। जो काफी हद तक ग्रामीण स्तर पर बढ़ रहे कुपोषण को रोकने का काम करेंगे। देश में सभी जगह पर इनका प्रयोग किया जा रहा, लेकिन इसकी मात्रा की जानकारी कम लोगों को है।

यह हैं पांच खाद्य पदार्थ

  • गेंहू का आटा,
  • नमक
  • वनस्पति तेल
  • दूध
  • चावल

हर साल 10 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार

यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 5 साल से कम उम्र के करीब 10 लाख बच्चे हर साल कुपोषण के कारण मर जाते हैं। वहीं, गाँवों में दूध होने के बावजूद भी बच्चे दूध का प्रयोग नहीं कर पाते।

तीन साल से कम उम्र के बच्चे 300 मिलीलीटर दूध प्रति दिन उपभोग करने के बजाय 80 मिलीलीटर दूध उपभोग कर रहे हैं, जोकि आवश्यकता से काफी कम है। इंडिया स्पेंड के एक सर्वेक्षण में, 35 फीसदी ग्रामीण पुरुष और महिलायें कुपोषित पाए गए और 42 फीसदी बच्चे कम वजन के पाए गए।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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