यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर किशोरी और महिलाएं बात ही नहीं करती: अर्चना श्रीवास्तव

Neetu SinghNeetu Singh   13 Feb 2017 2:12 PM GMT

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यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर किशोरी और महिलाएं बात ही नहीं करती: अर्चना श्रीवास्तवयौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर आज भी खुलकर बात न होने की वजह से प्रतिवर्ष लाखों महिलाएं यौन संक्रमण से पीड़ित हो रही हैं।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर आज भी खुलकर बात न होने की वजह से प्रतिवर्ष लाखों महिलाएं यौन संक्रमण से पीड़ित हो रही हैं। जबकि यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर खुलकर बात हो इसलिए प्रतिवर्ष 12 फरवरी को ‘यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता दिवस’ मनाया जाता है।

ग्रामीण महिलाएं आज भी अस्पतालों में नहीं आती हैं जब तक की उन्हें गम्भीर समस्या न हो, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर किशोरी और महिलाएं बात ही नहीं करती हैं।
डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका, कानपुर देहात

प्रदेशभर में जागरुकता दिवस तो मनाया जाता है, लेकिन महिलाएं आज भी जागरूक नहीं हैं। भावना रावत (20 वर्ष) बताती हैं, “बढ़ती उम्र के साथ मेरे अन्दर जो बदलाव हुए उसके बार में कभी किसी ने नहीं बताया, पहली माहवारी के दौरान मुझे पता नहीं था कि क्या करना है क्या नहीं, गलत और गंदे कपड़े के लगातार इस्तेमाल से मुझे बहुत दिक्कत हो गयी थी।”

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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