बरेली के परदौली गाँव में खुला पशु सेवा केंद्र, पशुपालकों ने ली राहत की सांस

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बरेली के परदौली गाँव में खुला पशु सेवा केंद्र, पशुपालकों ने ली राहत की सांसपशु सेवा केंद्र में पिछले दो सालों से पशु चिकित्सक अनोखे लाल तैनात हैं, जो गाँव में ग्रामीणों के पशुओं का इलाज करते हैं।

दिति बाजपेई, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

भोजीपुरा (बरेली)। अब परदौली गाँव के पशुपालकों को अपने पशुओं का इलाज कराने के लिए दूर-दराज के पशु चिकित्सालयों में नहीं जाना पड़ता। ब्रुक इंडिया के माध्यम से गाँव में ही पशु सेवा केंद्र बनाया गया है, जहां उचित मूल्य देकर जानवरों को बेहतर इलाज मिल रहा है।

बरेली जिला मुख्यालय से उत्तर पूर्व दिशा में लगभग 15 किलोमीटर दूर भोजीपुरा ब्लॉक के परदौली गाँव में पशु सेवा केंद्र खुला हुआ है। इस केंद्र में पिछले दो सालों से पशु चिकित्सक अनोखे लाल (29 वर्ष) तैनात हैं, जो गाँव में ग्रामीणों के पशुओं का इलाज करते हैं।

अनोखे लाल बताते हैं, “गाँव से पशु चिकित्सालय बहुत दूर है और गाँव में आकर इलाज करने के लिए भी डॉक्टर ज्यादा फीस लेते हैं इसलिए इस सेंटर को खोला गया। आज इस सेंटर पर आठ गाँवों के पशुपालक अपने पशुओं का इलाज कराने आते हैं।”

धीरे-धीरे हमने गाँवों में सात सेंटर खोले हैं, जहां पशुओं को बेहतर इलाज मिल रहा है। कई गाँवों के लोग पशुओं का इलाज कराने के लिए पशु सेवा केंद्र पहुंचते हैं और उन्हें अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता।
डॉ. दिनेश गुप्ता, पशु चिकित्सक, ब्रुक इंडिया

केंद्र खुलने से पशुपालकों को मिली राहत, उचित मूल्य में पशुओं का होता है इलाज।

पशुसेवा केंद्र में गाय-भैंस, घोड़ा, बकरी आदि कई पशुओं का इलाज किया जाता है। यह केंद्र भोजीपुरा ब्लॉक के परदौली गाँव में ही नहीं, बल्कि जिले के सात ब्लॉक में ऐसे केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्र के पास ही दवाखाना भी है ताकि दवाईयों के लिए उनको शहर न जाना पड़े।

इस सेंटर को संस्थान द्वारा दो साल पहले खोला गया था। इसमें पैरावेट गाय-भैंसों का इलाज तो करते ही हैं, साथ ही घोड़ों का भी इलाज होता है। हमारे सात सेंटर है, जिनमें हम समय-समय पर पैरावेटस ट्रेनिंग देते रहते हैं और वो पशुओं का इलाज करते हैं।
डॉ. दिनेश गुप्ता, पशु चिकित्सक, ब्रुक इंडिया (बरेली)

केंद्र खुलने से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में राजकिशोर वर्मा (45 वर्ष) बताते हैं, “अब हमारा पशु बीमार होता है तो तुरंत इलाज मिल जाता है। इस केंद्र के खुलने से हम गाँव वालों को काफी फायदा हुआ है।” राजकिशोर के पास चार भैंस हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

      

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