लोहिया गाँव में मानक के विपरीत बन रहे शौचालय 

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लोहिया गाँव में मानक के विपरीत बन रहे शौचालय भारत को स्वच्छ बनाने के लिए राज्यों में कई तरह की योजनाएं चल रही हैं।

सुशील सिंह, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

सुल्तानपुर। भारत को स्वच्छ बनाने के लिए राज्यों में कई तरह की योजनाएं चल रही हैं। इन्हीं योजनाओं के तहत उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की तरफ से शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। पर इन निर्माण कार्यों में कई तरह की कमियां देखने को मिल रही हैं। ऐसी ही एक शिकायत सुल्तानपुर जिले से की गई है, जहां शौचालय का निर्माण मानक के विपरीत हो रहा है।

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प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 165 किलोमीटर दूर स्थित सुलतानपुर जिले की तहसील लम्भुआ के न्याय पंचायत नारेन्दपुर के ग्रामसभा मकशूदन में मानक के विपरीत सरकारी शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। ग्रामीणों ने जब संबंधित अधिकारियों से शिकायत करने का प्रयास किया तो उन्होंने इस संदर्भ में बात करने से मना कर दिया।

शौचालय के नाम पर बस खाना-पूरी हो रही है। पैसे बचाने के चक्कर में एक शौचालय पर एक बोरी सीमेंट, गोमती नदी के किनारे खेतों की बालू तथा पीली ईंटों से निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही गड्ढे के मानक और साइज का भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
सलमा, निवासी, गाँव मकशूदलपुर

विश्व शौचालय दिवस, 19 नवंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इसका लक्ष्य शौचालय के बिना रहने वाले 2.4 अरब लोगों तक जागरुकता पहुंचाना है। विश्व शौचालय दिवस 2016 की थीम ‘शौचालयों और रोजगार के अवसर’ पर है। स्वच्छता के लिए एक वैश्विक विकास प्राथमिकता है। सतत विकास लक्ष्यों, 2015 में शुरू किया गया था। दुनिया में हर किसी के लिए 2030 तक सभी के लिए शौचालय हो, यह इसका लक्ष्य है।

यदि मानकों के विपरीत काम हो रहा है तो यह गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी।
विनोद पांडेय, ब्लॉक समन्यवक

इसी गाँव की प्रियंका (42 वर्ष) बताती हैं, “एक बोरी सीमेंट और छह बोरी बालू से पूरे शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। मना करने पर भी गड्ढे को एक मीटर रखा गया और पीली ईंट से बना दिया।” प्रियंका आगे बताती हैं, “जब हमनें ग्राम विकास अधिकारी से मामले की शिकायत तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया।” ब्लॉक समन्यवक विनोद पांडेय बताते हैं, “यदि मानकों के विपरीत काम हो रहा है तो यह गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी।”

वहीं इस गाँव की रामरत्ति तथा रामपट्टी के बीच में सिर्फ एक ही चैंबर बनाया गया है। इस घोटाले में ग्राम विकास अधिकारी के रिश्तेदार को ही ठेका मिला है। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार किसी से शिकायत करने पर धमकी देता है।

     

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