गाँवों की सोलर लाइट को मकैनिक का इंतज़ार, महीनों से पड़ी हैं खराब 

Devanshu Mani TiwariDevanshu Mani Tiwari   15 Feb 2017 2:10 PM GMT

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गाँवों की सोलर लाइट को मकैनिक का इंतज़ार, महीनों से पड़ी हैं खराब गाँवों में लगे सौर ऊर्जा संयंत्रों की मरम्मत करने के लिए यूपीनेडा के पास ज़ोनल टेक्नीशियनों की कमी

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। प्रदेश में बीते चार वर्षों में लोहिया समग्र ग्राम योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में लगाई गई सोलर स्ट्रीट लाइटों की संख्या भले ही हज़ार से अधिक हो, पर इनकी देखरेख के लिए यूपीनेडा की ओर से जनपद वार तैनात किए गए टेक्नीशियनों की संख्या 100 भी नहीं है।

रायबरेली जिले में वर्ष 2013-14 में लोहिया समग्र ग्राम बनाए गए नकफुलहा गाँव में राम नरेश (52 वर्ष) के घर के ठीक सामने लगी सोलर लाइट पिछले छह महीने से खराब पड़ी है। सौलर पैनल बॉक्स पर छपे नंबर पर उन्होंने कई बार फोन भी किया, पर सोलर लाइट की तरह नंबर भी स्थाई रूप से सेवा में नहीं मिला।

रायबरेली जिला मुख्यालय से 25 किमी उत्तर दिशा में सतांव ब्लॉक के नकफुलहा गाँव को वर्ष 2013-14 में लोहिया समग्र ग्राम घोषित किया गया था। लोहिया गाँव बनने के बाद गाँव में 10 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गईं थीं। इनमें से तीन लाइटें खराब हैं। राम नरेश बताते हैं,’’ गाँव में लगी सोलर लाइटें कई बार खराब हो चुकी हैं। पहले लाइटों के खराब होने पर 20 दिन के अंदर मैकेनिक आ जाता था। लेकिन पिछले साल सितंबर में आई आंधी में कुछ सोलर लाइटें खराब हो गई थी। उन्हें ठीक करने अभी तक कोई नहीं आया है।’’ वहीं, बाराबंकी जिले की करुआ ग्राम पंचायत में तीन वर्ष पहले छह सोलर लाइटें यूपीनेडा के माध्यम से लगवाई गई थी। लेकिन मौजूदा समय में पंचायत की कई लाइटें खराब अवस्था में हैं। ग्राम पंचायत के प्रधान अनिल बाजपेई ने बताया कि पंचायत में लगी सोलर लाइटों में से अधिकतर लाइटें जलती-बुझती रहती हैं।

उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण, यूपीनेडा से प्राप्त जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में प्रदेश में जनपद वार विभाग द्वारा तैनात किए गए ज़ोनल टैक्नीशियनों की संख्या 85 है। यूपीनेडा गाँवों में लगाई गई सोलर लाइटों की देखरेख पांच वर्षों तक करती है। इसके बाद विभाग इन लाइटों के देखरेख का ज़िम्मा ग्रामसभा को सौंप देता है। गाँवों को यूपीनेडा द्वारा तैनात किए गए टेक्नीशियन की कमी के बारे में यूपीनेडा की निदेशक संगीता सिंह ने गाँव कनेक्शन को बताया, ‘’ये बात बिलकुल सही है कि जिस हिसाब से गाँवों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगवाई गई हैं, उसकी तुलना में विभाग के पास टेक्नीशियन बहुत कम हैं। हम हर वर्ष अपने ट्रेनिंग प्रोगाम ‘सौर मित्र’ में प्रदेश के ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं को सौर उपकरण ठीक करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं, ताकि जिलों में टैक्नीशियनों की संख्या बढ़ाई जा सकें।’’

गाँवों में लगी सोलर लाइटों के खराब होने पर यूपीनेडा की तरफ से टेक्नीशियन भेजा जाता है। लाइटों की सर्विस अवधि खत्म हो जाने के बाद इनकी देखरेख खुद पंचायत उठाती है। अगर गाँवों में लगी सोलर लाइट सर्विस अवधि में खराब पड़ी हैं, तो ग्रामवासी इसकी शिकायत क्षेत्रीय अंभियंता, यूपीनेडा को कर सकते हैं।
संगीता सिंह, निदेशक, यूपीनेडा

अब तक 242 को मिली ट्रेनिंग

यूपीनेडा के ‘सौर मित्र’ ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत प्रदेश में अभी तक 242 लोगों को ट्रेनिंग मिलने के बाद विभाग और अन्य सौर ऊर्जा पर आधारित प्राइवेट कंपनियों में नौकरी दी गई है। मौजूदा समय में विभाग के अंतर्गत 227 लोगों की यह ट्रेनिंग दी जा रही है। इस ट्रेनिंग का हिस्सा बनने के लिए पात्र को ग्रेजुएट होना ज़रूरी है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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