यहां आवाज ही पहचान है, आप भी बन सकते हैं वॉइस आर्टिस्ट

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यहां आवाज ही पहचान है, आप भी बन सकते हैं वॉइस आर्टिस्टवाइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में आप नाम, शोहरत और अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

लखनऊ। वॉइस ओवर आर्टिस्ट जिज्ञासा पुंजवानी बताती हैं “आज हिंदी में डब किए जाने वाले टीवी शोज़ और उनके लिए डबिंग आर्टिस्ट्स की तादाद बढ़ती जा रही है। आज देश की लगभग हर भाषा में टीवी प्रोग्राम डब किए जा रहे हैं।

एक अच्छा वाॅइस ओवर आर्टिस्ट बनने के लिए इस क्षेत्र में धीरे-धीरे आगे बढ़ें। यह क्षेत्र छोटी-छोटी चीजों का बड़ा मिक्सर है। अच्छे करियर के लिए छात्रों में फिजीकल और मेंटल दोनों एनर्जी होनी चाहिए। अच्छे वॉइस ओवर आर्टिस्ट बनने के लिए आर्टिस्ट को पता होना चाहिए कि उसकी आवाज कैसी है और उसकी क्या रेंज है। शुरुआत में भले ही आप टैलेंट के रुपए न लें लेकिन बेसिक के रुपए जरूर लें।
जिज्ञासा पुंजवानी, वाॅइस ओवर आर्टिस्ट

कई हिंदी फिल्मकार भी अपनी फिल्मों को रीजनल भाषा में डब करके रिलीज़ कर रहे हैं।” कई फिल्म और टेलिविजन प्रोडक्शन हाउस के पास खुद के डबिंग डिपार्टमेंट और डबिंग आर्टिस्ट होते हैं। टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाली कई कार्टून और एनिमेशन फिल्में विदेश से आती हैं। हिंदी या अन्य भारतीय भाषा जानने वाले बच्चे इन्हें समझ सकें, इसलिए इन्हें भारतीय भाषाओं में डब किया जाता है। जिज्ञासा बताती हैं “इस फील्ड में भविष्य की काफी संभावनाएं हैं।”

सबसे ज़रूरी गुण तो आवाज़ है ही पर भाषा का पूरा ज्ञान होना बहुत ज़रूरी होता है। हिंदी, अंग्रेजी के साथ काेई क्षेत्रीय भाषा भी आनी चाहिए। वाॅइस ओवर आर्टिस्ट को रोज कुछ न कुछ जरूर पढ़ना चाहिए साथ ही कुछ भी रिकॉर्ड करके प्रेक्टिस करनी चाहिए। वाॅइस ओवर आर्टिस्ट को थिएटर भी करना चाहिए ताकि उसे पता हो कि आवाज का मॉड्यूलेशन कहां कैसा होगा। आज आवाज को बेहतर बनाने के लिए तकनीक तो बहुत हैं लेकिन तकनीक से भावनाएं नहीं आती है। इसलिए कोई शॉर्टकट न अपनाएं बल्कि मेहनत से आगे बढ़ें।
सुलक्षणा ब्रामता, वॉइस ओवर आर्टिस्ट

क्या आपको बोलने का शौक है? क्या आपको अपनी आवाज के साथ प्रयोग करना और उसके साथ खेलना पसंद है? अगर आपकी वाकई रुचि आवाज की दुनिया में हो तो डबिंग आपके लिए एक शानदार करियर हो सकता है। वाइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में आप नाम, शोहरत और अच्छा पैसा कमा सकते हैं। यूं तो टेलीविजन की दुनिया में डबिंग एक बेहतरीन अवसर बनकर उभर रहा है लेकिन इसके अलावा क्षेत्रीय फिल्मों, विदेशी फिल्मों, रेडियो, विज्ञापन, कार्टून में भी काफी अवसर पैदा हो रहे हैं।

भाषा पर हो अच्छी पकड़

इस प्रोफेशन में खास एकेडमिक क्वालिफिकेशन की जरूरत नहीं होती है। ऐसे व्यक्ति जो अपनी आवाज के उतार-चढ़ाव के माध्यम से किसी भी स्ट्रॉन्ग कैरेक्टर को डेवलप करने में सक्षम हैं या जो वॉइस मॉड्यूलेशन में माहिर हैं, इस क्षेत्र में प्रवेश ले सकते हैं। वॉइस-ओवर आर्टिस्ट जिज्ञासा बताती हैं “एक वॉइस-ओवर आर्टिस्ट के लिए भाषा पर अच्छी पकड़, आवाज में स्पष्टता और सही उच्चारण होना बहुत जरूरी है।

जिज्ञासा बताती हैं “शुरुआत में किसी एक या दो भाषा में निपुण हो जाएं उसके बाद धीरे-धीरे दूसरी भाषाओं में पकड़ बनाएं।” वह आगे बताती है “इतना ही नहीं, एक आर्टिस्ट के भीतर यह कला भी होनी चाहिए कि वह अपने वॉइस के माध्यम से हर तरह के इमोशंस को लोगों तक पहुंचा सके, ताकि जब पब्लिक विजुअल को बोलते हुए देखे तो उसे लगे कि सचमुच यह विजुअल की ही आवाज है। इसे अलग से आवाज नहीं दी गई है।”

शैक्षणिक योग्यता

डबिंग अथवा वॉयस-ओवर आर्टिस्ट बनने के लिए आपको किसी विशेष शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं होती। मगर हां, भाषा में अच्छी पकड़ एवं चरित्र के परफॉर्मेंस के साथ आपका लिपसिंक, आपकी अवाज अौर ठहराव कुछ ऐसी जरूरी मापदंड हैं जो इस क्षेत्र में आपकी जीत और हार निर्धारित करेगी।

अन्य प्रमुख संस्थान

  • भारतीय जनसंचार संस्थान
  • मिरांडा हाउस, दिल्ली विश्वविद्यालय
  • एआरएम रेडियो अकादमी
  • =एशियन अकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, नोएडा
  • फिलमिट एकडेमी मुम्बई
  • जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ कम्यूनिकेशन मुम्बई

यहां हैं अवसर

जिज्ञासा बताती हैं “एक ट्रेंड और प्रोफेशनल वॉइस-ओवर आर्टिस्ट के लिए रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं। वीडियो प्रोग्राम्स, रेडियो प्रोग्राम्स, डॉक्यूमेंट्रीज, प्रोग्राम प्रेजेंटेशंस, एड जिंगल्स, स्पोर्ट्स, फोन सॉफ्टवेयर,न्यूज चैनल्स, फिल्म, टेलीविजन सीरियल्स, एनिमेशन, प्रोडक्शन हाउस आदि सब जगह टैलेंटेड वॉयस-ओवर आर्टिस्ट की जरूरत होती है। इसके अलावा आप फ्रीलांसर आर्टिस्ट के रूप में भी अपनी पहचान बना सकते हैं।”

  • ई-लर्निंग
  • निजी स्टूडियो में
  • विज्ञापन एजेंसियों में
  • रेडियो और टेलीविजन चैनल में
  • फिल्मों में
  • डॉक्यूमेंटरीज में
  • नेशनल जियोग्राफिक चैनल, डिस्कवरी, हिस्ट्री चैनल, कार्टून नेटवर्क, आकाशवाणी मुख्यत: ड्रामा अनुभाग, दिल्ली स्टेशन, विविध भारती, समाचार अनुभाग, कमेंटरी, युववाणी में काफी संभावनाएं हैं।

वेतन

वाॅइस ओवर आर्टिस्ट सुलक्षणा एक वॉइस ओवर आर्टिस्ट की सैलरी आमतौर पर किसी प्रोग्राम की अवधि, प्राेडक्शन हाउस और लोकपि्रयता पर निर्भर करती है। इस क्षेत्र में पहले से ही प्रतिष्ठित लोग महीने में 60,000 से 1 लाख तक कमाते हैं लेकिन शुरुआती वाॅइस ओवर आर्टिस्ट 10-15,000 रुपए तक कमा सकता है।

      

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