क्या इस बार पूरे होंगे चुनावी वादे?
Devanshu Mani Tiwari 9 March 2017 12:34 PM GMT

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
रायबरेली। जिले में लालगंज ब्लॉक में डलमऊ पंप- बी से जुड़ी 17 नहरों में पानी आजतक नहीं आया है। पहले के विधानसभा चुनावों में इन नहरों में पानी लाने का वादा कई बार किया गया पर आजतक कोई भी विधायक इन नहरों में पानी नहीं ला पाया है।
रायबरेली जिला मुख्यालय से 35 किमी. लालगंज तहसील के अंतर्गत आने वाले भोजपुर गाँव के निवासी राघेवेंद्र सिंह ( 56 वर्ष) बताते हैं, ‘’न जाने कितने नेता गाँव आ चुके हैं और कितनी बार गाँववालों ने ब्लॉक जाकर नहर में दोबारा पानी लाने की गुहार लगाई है पर आजतक इस नहर में पानी नहीं आया है।’’
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नहरों में पानी न आना ही सिर्फ एकमात्र समस्या नहीं हैं बल्कि जिले में ऐसे कई विकास कार्य हैं, जो हमेशा से नेताओं के चुनावी वादों में शामिल रहे हैं। लेकिन कई चुनावों के बीत जाने के बाद भी इनपर काम नहीं किया जा सका है। जिले के बछरावां ब्लॉक में मिनी विद्युत सप्लाई ग्रिड होने के बावजूद सबसे अधिक बिजली की समस्या है। यहां के विधायक गाँवों में बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए कई बार बिजली का रोस्टर बदलकर ज़्यादा समय तक बिजली देना का वादा कर चुके हैं। मगर अफसोस की बात है कि ब्लॉक में अभी भी दर्जनों गाँव हैं, जहां हफ्तों से बिजली नहीं आई है।
लोहिया ग्राम पंचायत रैन में बिजली आने जाने का कोई भी निर्धारित समय नहीं है। गाँव में परचून की दुकान चला रहे पवन कुमार (40 वर्ष) बताते हैं, ‘’हमारा गाँव समग्र ग्राम की श्रेणी में आता है पर यहां पर बिजली नहीं आने का कोई समय नहीं है। कभी-कभी तो हफ्ते बीत जाते हैं पर बिजली के दर्शन नहीं होते हैं।’’
देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी रायबरेली जिले को बड़े औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करना चाहते थे, लेकिन जिले में पिछले एक दशक में करीब दस से अधिक कारखानों पर तला लग चुका है। इनमें मुंशीगंज क्षेत्र की चीनी मिल, इंडस्ट्रीयल एरिया में शीना होमटेक्स प्राइवेट लिमिटेड और स्पिनिंग मिल शामिल हैं।
शीना होमटेक्स कंपनी में काम कर चुकी रायबरेली के चंद्रनगर कालोनी मे रहने वाली सुनीता त्रिवेदी ने बताया, ‘’शीना कंपनी में जिलेभर की 500 से अधिक महिलाएं काम करती थीं, लेकिन कंपनी के बंद हो जाने के बाद सब घर पर बैठ गई हैं। हर चुनाव में कंपनी फिर चालू कराने की बात होती है पर जब से कंपनी बंद हुआ है, आजतक गेट पर लगा ताला नहीं हटा है।’’ रायबरेली से लखनऊ तक बने नए राष्ट्रीय राजमार्ग और लालगंज रेलकोच कारखाने में प्रयोग हुई सैकड़ों लोगों की ज़मीन पर मुआवजा देने की बात को इस बार फिर से विधानसभा चुनावों में अहम मुद्दा बनाया गया है। अब यह देखने की बात होगी कि नए विधायक इन सभी रुके हुए कार्यों को पूरा करवाएंगे कि नहीं।
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