सूखे पर एक नए विधेयक की राष्ट्रपति ने की अनुशंसा
गाँव कनेक्शन 23 April 2016 5:30 AM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। ऐसे समय में जब कई राज्य सूखे की चपेट में हैं, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक निजी विधेयक पर विचार करने की अनुशंसा की है जिसमें शुष्क, रेगिस्तानी और सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को राहत मुहैया कराने और दस हजार करोड़ रुपये के शुरुआती धन से कल्याण कोष बनाए जाने की बात कही गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने दिसम्बर 2014 में 'शुष्क एवं रेगिस्तानी क्षेत्र: कल्याण और अन्य विशेष प्रावधान: विधेयक 2014' राज्यसभा में पेश किया था।
विधेयक यदि पारित होता है तो इसमें किये गये प्रावधानों में भारत की संचित निधि से खर्च करना होगा। इस विधेयक के वित्तीय ज्ञापन में कहा गया है, ''अनुमान है कि इस पर प्रति वर्ष 20 हज़ार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा संचित निधि से 5,000 करोड़ रुपये का एकबारगी खर्च भी हो सकता है।''
राज्यसभा के महासचिव को कुछ दिन पहले भेजे एक पत्र में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि राष्ट्रपति को जब एक खास निजी सदस्य के विधेयक की विषयवस्तु के बारे में अवगत कराया गया तो उन्होंने संविधान की धारा 117(3) के तहत इसे राज्यसभा के विचारार्थ अपनी अनुशंसा दी है।
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