सूखे से बुन्देलखण्ड के किसानों की हालत सबसे ज्यादा खराब : योगेन्द्र यादव
vineet bajpai 28 Oct 2015 5:30 AM GMT
लखनऊ। पूरे देश के कई राज्य सूखे की चपेट में हैं, लेकिन सबसे भयंकर स्थिति उत्तर प्रदेश की है। प्रदेश में सबसे खराब स्थिति बुन्देलखण्ड की है। वहां के परिवारों में लोगों के खाने से लेकर जानवरों के चारे तक का संकट बना हुआ है। इन समस्याओं से अवगत कराने के लिए संवेदना यात्रा कर रहे योगेन्द्र यादव ने 27 अक्टूबर को अखिलेश यादव से मुलाकात की|
योगेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बुंदेलखंड की सभी नौ जिलों की स्थिति से अवगत कराते हुए कहा, ''इस वक़्त उत्तर प्रदेश का किसान बहुत भयावह स्थिति से जूझ रहा है। खरीफ की फसल चौपट हो गयी है, रबी फसल मैं पैसा लगाने का अब साहस उसके पास नहीं है। पानी के संकट के साथ जानवरों के चारे का संकट बहुत बड़े इलाके में है, जिसके चलते लोग जानवरों को छोड रहे हैं, पलायन कर रहे हैं।”
योगेन्द्र यादव ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया कि इसे सामान्य परिस्थिति के रूप में न देखते हुये, एक इमरजेंसी के रूप में देखा जाए। आपदा राहत के कदम उठाए जाएं, सबसे पहले तो प्रदेश मे सूखा घोषित किया जाए, ताकि उस पर कुछ काम शुरू किया जा सके, दूसरा हर कार्ड धारक को बीपीएल की क्षेणी में रखा जाए, तीसरा नरेगा को तुरन्त शुरू किया जाए, चौथा पानी के लिये हैण्डपम्प और नहरों की मरम्मत का काम तात्कालिक रूप से शुरू किया जाए, और कम से कम किसानों को पुराना मुआवजा पहले दे दिया जाए, और नये मुआवजे की घोषणा 20 हज़ार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से हो।
स्वराज अभियान के संस्थापक सदस्य योगेन्द्र यादव ने दो अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक देश के कई सूखाग्रस्त राज्यों के साथ ही उत्तर प्रदेश के भी कई जि़लों में संवेदना यात्रा की, वहां के किसानों से मिले उनकी परेशानियों को सुना|
इस वर्ष जून से सितम्बर तक मानसून के दौरान पूरे देश में बारिश की कमी 14 रही है, उत्तर प्रदेश में औसत कमी 45 प्रतिशत है|
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