स्वामी मेरे नायक, राम मंदिर को लेकर उनकी बातों पर है भरोसा: भारती

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
स्वामी मेरे नायक, राम मंदिर को लेकर उनकी बातों पर है भरोसा: भारतीgaonconnection

नई दिल्ली (भाषा)। एक समय में राम मंदिर आंदोलन की सक्रिय सदस्य रहीं केंन्द्रीय मंत्री उमा भारती बातचीत के माध्यम से लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद का समाधान चाहती हैं। हालांकि विवादित भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को अपना नायक बताते हुए मंत्री ने उनकी सराहना की।

मंत्री ने कहा कि वह उनके (स्वामी के) वचन पर विश्वास करती हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का काम इस वर्ष के आखिर तक शुरु हो जायेगा। भारती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनको मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने की संभावना को खारिज किया लेकिन विश्वास जताया कि अमित शाह की अगुवाई में भाजपा राजनीतिक रुप से महत्वपूर्ण इस राज्य में अपनी सरकार बनाने में सक्षम होगी।

राम मंदिर निर्माण और इस वर्ष इसका कार्य शुरु होने को लेकर स्वामी के बयान पर साक्षात्कार में भारती ने कहा, ‘‘मैं स्वामी का बहुत अधिक सम्मान करती हूं। वह मेरे नायक हैं। मैं 15-16 वर्ष की थी जब आपात काल लागू किया गया था और डॉक्टर स्वामी एवं जार्ज फर्नांडीस मेरे नायक थे। मेरे लिए उनका व्यक्तित्व नायक की तरह है। वह जो कहते हैं, उस पर मुझे विश्वास है।'' हिंदुत्व की पुरानी पैरोकार रहीं भाजपा नेता का ये बयान ऐसे समय में आया है जब पार्टी नेतृत्व राम मंदिर से जुड़े प्रश्नों से बच रही है और लगातार इस बात का भरोसा दिलाने की कोशिश कर रही है कि उत्तर प्रदेश में पार्टी विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगी।

अप्रैल में मुंबई में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान स्वामी ने दावा किया था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य इस वर्ष के आखिर तक शुरु हो जायेगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की थी कि अगले वर्ष हिंदू राम मंदिर में रामनवमी मनायेंगे। भारती ने कहा, ‘‘राम मंदिर आंदोलन का मुद्दा यह था कि वह स्थान भगवान राम की जन्मभूमि है या नहीं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने निर्विवाद रुप से ये कहा था कि मध्य में जो गुंबद है वो रामलला का है। इस घोषणा के साथ ही राम मंदिर आंदोलन को कानूनी मंजूरी मिल गयी।'' उन्होंने कहा, ‘‘अब भूमि से जुड़ा विवाद बचा है। अब ये विवाद नहीं रह गया है कि ये राम जन्मभूमि है या नहीं। भूमि विवादों के समाधान के लिए आंदोलनों की जरुरत नहीं। इसका समाधान बातचीत या कानूनी तरीके से होना है। मुझे लगता है कि बातचीत के जरिये राम जन्मभूमि के मुद्दे का समाधान संभव है।''

भारती ने सुझाव दिया कि इस विवाद के संबद्ध पक्षों को एकसाथ बैठना चाहिए और संतों एवं दोनों पक्षों के धार्मिक गुरुओं को दोनों समुदायों के बीच वार्ता में मदद करनी चाहिए और अदालत को बताना चाहिए कि उन्होंने मुद्दे को सुलझा लिया है। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री ने कहा, ‘‘वहां एक शानदार मंदिर बने। मुझे गर्व है कि मैंने आंदोलन में हिस्सा लिया, जिस पर अदालत की मुहर लगी कि मैं सही थी।''

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.