बेटी की शौचालय बनवाने की जिद पर पिता को गर्व

सात साल की पायल ने जिद करके पिता से बनवाया घर में शौचालय पिता खेतपाल ने उधार पैसे लेकर बनवाया घर में शौचालय छोटी बेटी पायल की इस जिद पर बड़ी बहन और माँ को भी है गर्व

Manish MishraManish Mishra   2 Oct 2018 6:04 AM GMT

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कुकटई (हाथरस)। एक दिन सात साल की पायल ने पिता से ऐसी ज़िद पूरी करने को कहा कि आज उन्हें अपनी बेटी पर इसके लिए गर्व है।

हाथरस जिले के कुकटई गाँव में रहने वाली पायल (सात वर्ष) जब एक दिन स्कूल से घर आई तो उसने अपने पिता से जिद करते हुए कहा, "पापा, घर में शौचालय बनवाओ, हम बाहर शौच के लिए नहीं जाएंगे, अगर नहीं बनवाओगे तो यहीं घर के अंदर शौच करेंगे कमरे के चारों कोनो में, और तुम्हें उठाना पड़ेगा।"

बेटी पायल की यह बात सुनकर खेतपाल को उस समय तो जरूर गुस्सा आया, लेकिन खुद को संभालते हुए बेटी को समझाया, "बेटा अभी पैसे नहीं हैं, थोड़ा रुक जाओ, पैसे आ जाएं तो बनवा देंगे।" लेकिन पायल ने जैसे ज़िद ठान ली थी कि जब तक घर में शौचालय बनवा नहीं लेगी वह चैन से नहीं बैठेगी।

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पायल की यह ज़िद अनायास ही नहीं थी, स्कूल में टीचर ने पूरी क्लास को समझाया था कि खुले में शौच जाने से कितनी बीमारियां फैलती हैं, और हम सब को शौच के लिए शौचालय का प्रयोग करना चाहिए। खुद शौचालय में शौच जाने के साथ-साथ ही, अपने माता-पिता को भी खुले में शौच जाने से रोकना है। बस यही बात पायल के मन में घर कर गई।

"एक दिन जब मैं खेत से घर आ रहा था तो स्कूल में मास्टर जी ने बुलाया और कहा कि पायल गुमसुम रहती है, और पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रही। मुझे समझ नहीं आया कि पायल ऐसा क्यूं कर रही है? जब घर पर उससे पूछा तो उसने बोल दिया- पापा पहले घर में शौचालय बनवाओ। उसके बाद हम पढ़ने जाएंगे।"

जब बेटी ने ज़िद ही पकड़ ली, और पत्नी ने भी समझाया तो झुकते हुए खेतपाल ने बड़े भाई से उधार पैसे लेकर शौचालय का काम कराना शुरू कर दिया। "सरकारी नियम है कि जब शौचालय का काम शुरू हो जाता है, तो पहली किश्त उसके बाद ही मिलती है। शौचालय बनाने के लिए गड्ढे हमने खुद ही खोदे," खेतपाल ने बताया, "जब गड्ढे खुद गए तो पायल ने सबको बुलाकर दिखाना शुरू कर दिया देखो हमारे यहां शौचालय बन रहा है, और खुदे गड्ढों के साथ अपनी फोटो खिंचवाने की ज़िद करती, और पूरे गाँव में बताती कि देखो हमारे यहां शौचालय बन रहा है।"

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खुले में शौच अब तक जा रहा खेतपाल का पूरा परिवार परेशान जरूर था लेकिन आर्थिक तंगी के आगे घर में शौचालय बनवाने की आवाज नहीं उठा पा रहा था। "दिक्कत हम सभी को होती थी, मेरी बड़ी बेटी काजल और मुझे दिक्कत थी लेकिन बोल नहीं पाते थे, अब पायल की जिद से घर में शौचालय बन गया है तो बड़ी आराम हो गई है," पायल की माँ बेबी ने कहा, "बिटिया ने जिद करके घर में शौचालय बनवाकर काम बहुत अच्छा किया है।"

कक्षा नौ में पढ़ने वाली पायल की बड़ी बहन काजल (14 वर्ष) ने भी पायल की इस जिद का समर्थन किया, क्योंकि जो आवाज वह नहीं उठा पाई, उसकी हुंकार उसकी छोटी बहन पायल ने भर दी थी। "मैंने भी पायल से कहा कि घर में शौचालय बनवाने के लिए पापा से तुम जिद करो। आज पायल के वजह से हमें भी लोग जानते हैं, हमें बहुत अच्छा लगता है।"

पायल को इस अनोखी जिद के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। यहां तक कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सम्मानित किया है। "हमारी कहां औकात थी कि मुख्यमंत्री से मिल पाते। बिटिया की वजह से ही हम योगी जी से भी मिल पाए। अब तो जब भी साइकिल पर पायल को बैठा कर घर से कहीं बाहर निकलते हैं, तो लोग दूर से ही पूछते हैं, भाई आज किससे मिलने जा रहे हो," खेतपाल ने बताया।

खेतपाल अपनी दोनों बेटियों से बहुत खुश हैं, उन्हें वह पढ़ा-लिखा कर बहुत आगे देखना चाहते हैं। "अपनी छोरियों (बेटियों) को देख के मुझे बेटे की कमी कभी नहीं खलती। छोरी बहुत आज्ञाकारी होती हैं। मैं तो नहीं पढ़-लिख पाया लेकिन बेटियों को जितना पढ़ेंगी, पढ़ाऊंगा।"

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