दीमक के प्रकोप से धान की फसल को हो रहा नुकसान

Divendra SinghDivendra Singh   4 Oct 2016 6:31 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
दीमक के प्रकोप से धान की फसल को हो रहा नुकसानधान की फसल में दीमक लगने से किसान परेशान 

सलमान खुर्शीद- कम्युनिटी जर्नलिस्ट

लहरपुर (सीतापुर)। हजारों रुपए खर्च कर किसान ने बीज, खाद लगाकर धान की रोपाई की है, लेकिन दीमक के प्रकोप से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। लहरपुर ब्लाक के तारनपुर गाँव के किसान मोहम्मद उस्मान अली (63 वर्ष) ने ढ़ाई बीघा धान की फसल लगायी है। पिछले कुछ दिनों में उनकी फसल में दीमक का प्रकोप तेजी से बढ़ गया है।

हमारे गाँव में दीमक बहुत नुकसान करते हैं, इस वजह से कई लोगों के खेत खाली पड़े हैं। अगर किसान खेती करता भी है तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
उस्मान अली, गाँव के किसान

वैज्ञानिक विधि अपनाकर कीटनाशकों के बिना ही इनका नियंत्रण किया जा सकता है। इससे कीटनाशकों पर उनका खर्च घटता है। खेत की मिट्टी से ज्यादा पैदावार पाने के लिए किसानों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। फसलें उगाने में उन्हें काफी पैसे भी खर्च करना पड़ता है। लेकिन मिट्टी में पनपने वाले कीड़े-मकोड़े जैसे दीमक आदि फसलों को चट कर जाते हैं।

गाँव के इस्माइल खान (45 वर्ष) बताते हैं, "हम लोग दीमक की वजह से बहुत परेशान हो गए हैं। दीमक हमारी आधी से ज्यादा फसल को बर्बाद कर देते हैं। हमारे पास खेती ही कमाई का जरिया है। ऐसे में हमें बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है।"

खेतों में दीमक की वृद्धि की मुख्य वजह खेतों में मित्र कीट न होना है। बहुत अधिक मात्रा में कीटनाशकों के प्रयोग से भी इनकी वृद्धि होती है। आजकल किसान कीटनाशकों का बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल करते हैं।
डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव, कृषि विशेषज्ञ- कृषि विज्ञान केन्द्र

डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव आगे बताते हैं, "खेत में कच्चा गोबर डालने पर भी दीमकों का प्रकोप बढ़ जाता है, इसलिए छह महीने तक सड़ाकर खाद बनाए गोबर का प्रयोग करना चाहिए। इससे दीमक नहीं लगेंगे। खेत में जीवांश की कम मात्रा से भी इनकी वृद्धि होती है।"

खेत में जब जलधारण क्षमता कम हो जाती है, इससे पानी नहीं रुकता है, इससे भी दीमक का प्रकोप बढ़ जाता है।

दीमक से बचने के उपाय-

एक छोटे से घड़े के मुंह के पास चार जगह छोटे-छोट छेद कर के, उसमें कच्चा गोबर और भुट्टे की गिंडियां भर देना चाहिए और उसके मुंह को सूती कपड़े से बांध देना चाहिए।। ऐसे घड़े लेकर खेत के चारों कोने और एक खेत के बीच में एक घड़ा गाड़ देना चाहिए। पच्चीस दिन बाद उसे निकालकर उन्हें जला देना चाहिए। पांच बार गिण्डीयां बदलकर यह क्रिया दोहराएं। खेत में दीमक समाप्त हो जाएगी।

सुपारी के आकार की हींग एक कपड़े में लपेटकर तथा पत्थर में बांधकर खेत की ओर बहने वाली पानी की नाली में रख दें। उससे दीमक तथा उगरा रोग नष्ट हो जाएगा।

"This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org)."

     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.