बंदर के डर से दो मंजिला मकान से कूदा बच्चा, खौफ के चलते छत पर नहीं जाते हैं लोग
गाँव कनेक्शन 6 Oct 2016 6:46 PM GMT

मोबिन अहमद- कम्यूनिटी जर्नलिस्ट
रायबरेली। देश के कई इलाके इन दिनों मच्छरों से डरे हुए हैं लेकिन उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में लोग मच्छर से ज्यादा बंदरों के खौफ में हैं। रायबरेली जिले में छत पर सो रहा एक बच्चा बंदर के डर से दो मंजिला घर से नीचे कूद पड़ा। उसका लखनऊ के ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। बंदरों के उत्पात के चलते लोगों ने छतों पर जाना छोड़ दिया है।
रायबरेली जिले के बछरावां कस्बे के हुसैनी मोहल्ला निवासी मो. लतीफ (38 वर्ष) का आठ साल का बेटा लकी छत पर सो रहा था। उसकी आंख खुली तो सामने एक बंदर था, बंदर से डर कर जीने से उतरने की बजाए दो मंजिला छत से नीचे कूद पड़ा। लकी को काफी चोट आई है।
लतीफ के पड़ोसी अशोक ने बताया कि चोटिल लकी को फौरन बछरावां चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसकी गम्भीर हालत को देखते हुए उसे जिला अस्पताल भेज दिया।अभी वह लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती है। स्थानीय लोगों के अनुसार इलाके में दर्जनों बन्दर यहां की छतों पर खुले आम घूमा करते हैं। कभी किसी के घर पर कपड़े फाड़ देते हैं, तो कभी किसी का सामान उठा ले जाते हैं।
जब हम छत पर गेंहू सूखने के लिये फैलाते हैं, जितनी देर गेंहू सूखते हैं उतनी देर हमें लाठी डंडा लेकर उसकी चौकीदारी करनी पड़ती है। ये बहुत नुकसान करते हैं।राजेश कनौजिया, निवासी- हुसैनी मोहल्ला
खूंखार बंदरों का डर सिर्फ बछरावां में ही नहीं बल्कि कन्जेष्वर, मौन और कुर्री सुदौली जैसे गाँवों में भी है। सुदौली निवासी मोनू दीक्षित (27वर्ष) बताते हैं, “गाँव के आस पास बाग-बगीचे रह नहीं गए शायद इसलिए बन्दर खाने की तलाश में आबादी में घुस आते हैं अक्सर भूखे रहने की वजह से ये बंदर खूंखार हो जाते हैं।”
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