इस गाँव की लड़कियों से पंगा मत लेना

इस गाँव की लड़कियों से पंगा मत लेना18 गाँवों में 300 से ज़्यादा लड़कियों को आता है ताइक्वांडो और मार्शलआर्ट 

प्रदीप सिंह- कम्यूनिटी जर्नलिस्ट, (देहात संस्था)

अमेठी। “पहले कॉलेज जाते समय गाँव के बाहर लड़के छेड़ते थे, लेकिन जब हम लड़कियों ने समूह बना कर गाँवों में घूमना शुरू किया तो, लड़कों की बोलती खुद ब खुद बंद हो गई।" सुहासिनी सिंह बताती हैं। वो अमेठी जिले के बाबूपुर गांव में किशोरियों द्वारा बनाए गए महिला शक्ति मंडल की सदस्या हैं।

अमेठी के गौरीगंज ब्लॉक के 18 गाँवों की किशोरियां समूह बनाकर गाँव में स्वच्छ्ता, स्वास्थ समस्याओं से बचाओ, महिला सुरक्षा, सिलाई केंद्र व कंप्यूटर शिक्षा के प्रति जागरुक कर रही हैं। पंचायत में इन कामों के लिए किशोरियों की मदद डेवलपमेंटल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन एडवांस्मेंट ' देहात' संस्था कर रही है।

अमेठी जिले के बाबूपुर गांव में किशोरियों द्वारा बनाया गया महिला शक्ति मंडल

इन महिला मंडलों को प्रोत्साहन देने के लिए गाँव के पास बनी औद्योगिक इकाईयां इन मंडलों की आर्थिक मदद करती हैं। कंपनियों में समय-समय पर आयोजित आत्मसुरक्षा कैंप में गाँव की लड़कियों को ट्रेनिंग दी जाती है। इन कैंपों में गाँव की लड़कियों को शामिल करने की ज़िम्मेदारी महिला शक्ति मंडल की होती है।

किशोरी मंडलों के बनने से पहले इन गाँवों की लड़कियों में संकोच था और बहुत ही कम लड़कियां ऐसी थी, जो स्कूल जाती थीं। इसे खत्म करने के लिए हमने पहले इऩ्हें स्कूल जाने को प्रोत्साहित किया फिर इन्हें सिलाई-कढ़ाई व मार्शलआर्ट जैसी आत्म सुरक्षा की ट्रेनिंग उपलब्ध करवा कर इनके मन से डर दूर किया है।
जीतेंद्र चतुर्वेदी, देहात (डेवलपमेंटल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन एडवांस्मेंट) के प्रबंधक

अमेठी जिले के गौरीगंज क्षेत्र में 18 गाँवों में मौजूदा समय में महिला शक्ति मंडल काम रहा है। ' देहात' संस्था इन महिला मंडलों को प्रोत्साहन देने का काम कर रही है। ग्राम पंचायत में इन मंडलों के शुरू हो जाने के बाद जहां एकओर गाँव में लोग बीमारियों से बचाव के प्रति सजग हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ यहां की स्थानीय महिलाएं व किशोरियां पहले से अधिक महफूज़ हैं। देहात संस्था की मदद से अभीतक 18 गाँवों में 300 से ज़्यादा किशोरियों को ताईक्वान्डो व मार्शलआर्ट की ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

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