फूलों की खेती से लाभ कमाना है तो जानिए ग्लैडियोलस की खेती के टिप्स
गाँव कनेक्शन 12 Oct 2016 7:39 PM GMT

कन्नौज। पिछले कुछ वर्षों में खेती का तरीका और पैटर्न तेजी से बदला है। किसान अब परंपरागत फसलों की जगह ऐसी फसलें उगाते हैं, जिससे मुनाफा ज्यादा हो। फूलों की खेती देखरेख थोड़ी ज्यादा करनी होती है लेकिन ये किसानों को कुछ ही महीनों में अच्छा मुनाफा देती हैं। इसमें भी ग्लैडियोलस की खेती सबसे मुफीद है। कन्नौज जिले में इस वक्त करीब 80 किसान 33 हेक्टेयर में इसकी खेती कर रहे हैं।
ग्लैडियोलस की खेती के बारे में जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र, अनौगी के कृषि वैज्ञानिक, उद्यान डॉ. अमर सिंह बताते हैं, ग्लैडियोलस एक लोकप्रिय सजावटी पौधा है, यह पौधा विभिन्न आकार और आकर्षक रंगों में पाया जाता है। ग्लैडियोलस के फूल 8-10 दिन तक फूलदान में आसानी से रखे जा सकते हैं। किसान को प्रति स्टिक पैसे मिलते हैं।”
देश में ग्लैडियोलस की खेती 1.660 हेक्टेयर के क्षेत्र में की जा रही है । फूलों की खेती में क्षेत्र और उत्पादन की दृष्टि से ग्लैडियोलस का तीसरा स्थान है। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडीशा, छत्तीसगढ़, हरियाणा और महाराष्ट्र देश के प्रमुख ग्लैडियोलस उत्पादक राज्य माने जाते हैं। उत्तराखंड, कर्नाटक, आन्ध्रपदेश और सिक्किम में भी ग्लैडियोलस की खेती की जाती है। हालांकि ग्लैडियोलस एक शीतकालीन फूल उत्पाद हैं लेकिन मध्यम जलवायु में भी साल भर इसकी खेती की जाती है।
ग्लैडियोलस की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी होती है। इसका पीएच मान छह से आठ के बीच उपयुक्त होता है। उत्पादन के लिए एक हेक्टेयर में संतुलित खाद एवं उर्वरक का प्रयोग किसान करें तो बेहतर रहेगा। अच्छे उत्पादन के लिए मिट्टी का परीक्षण करना जरूरी होता है। किसी खास वजह से परीक्षण करना संभव नहीं है तो प्रति हेक्टेयर में 150-200 कुंतल सड़ी गोबर की खाद, तीन कुंतल नलसन, दो कुंतल फास्फोरस और दो कुंतल पोटाश 25 किलो जिंक सल्फेट, 25 किलो सल्फर, 10-12 किलो बोरेक्स, 10-12 किलो फोरेट 10 जी का प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा किसान मिट्टी का उपचार ट्राइकोडर्मा से कर सकते हैं।
इसके लिए पांच किलो ट्राइकोडर्मा को 150-200 किलो ग्राम सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर 10-15 दिन के लिए रखें। फंगस में वृद्धि होने पर उस गोबर की खाद को शाम के वक्त खेत में फैला दिया जाए। उसके बाद खेत की जुताई कर दी जाए। इससे ग्लैडियोलस में उक्त की समस्या नहीं आएगी। फूलों की इस खेती की बुवाई का समय अगस्त से नवम्बर तक की जा सकती है। कन्नौज के किसानों का रुझान इस फसल की तरफ लगातार बढ़ रहा है। इस वर्ष 33 हेक्टेयर जमीन पर करीब 80 किसान ग्लैडियोलस की खेती कर रहे हैं। बीते वर्षों में रकबा बढ़ा है।
ये प्रजातियां हैं मुख्य-
ग्लैडियोलस की एल्डीब्रान, फ्रेन्डशिप, हवाइट प्रोसपर्टी, क्वीन, सदाबहार, पालमपुर क्वीन, पूसा हाईब्रिड-1 आदि प्रजातियां बेहतर हैं।
This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).
Swayam Project Kannauj Gladiolus Flower farming
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