नालियों के बदबूदार पानी को मंझाकर आते-जाते हैं ग्रामीण

नालियों के बदबूदार पानी को मंझाकर आते-जाते हैं ग्रामीणउन्नाव जिले में मगरवारा ब्लॉक के मसवासी ग्राम पंचायत के कई मजरों की सड़कें हैं बदहाल

मगरवारा (उन्नाव)। केंद्र और प्रदेश सरकार करोड़ों रुपये हर साल सड़कों के निर्माण और रखरखाव पर खर्च करती है, इसके बावजूद हजारों गाँव संपर्क मार्गों से कटे हुए हैं। जिन गाँवों में सड़कें हैं भी वो रखरखाव और अधिकारियों की लापरवाही के कारण खराब हो गई हैं। बरसात में इन पर निकलना मुश्किल हो जाता है।

उन्नाव जिले में मगरवारा ब्लॉक के मसवासी ग्राम पंचायत के कई मजरों के लोग घर तक पहुंचने के लिए रोज कीचड़ से गुजरते हैं। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला पंचायत अध्यक्ष और संबंधित विभाग के अधिकारियों से कई बार की, लेकिन मार्ग की हालत जस की तस बनी हुई है। खंजीखेड़ा मजरा से जाने वाली रोड में कई गड्ढे हो गए हैं जिनमें पानी और कीचड़ भरा रहता है, जिससे लोगों को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

खंजीखेड़ा निवासी किसान दशरथ कुमार (62 वर्ष) बताते हैं, "गाँव में सबसे बड़ी समस्या खराब सड़के हैं। सड़कों में सिर्फ कीचड़ ही कीचड़ भरा है। आए दिन कोई न कोई इन्हीं कीचड़ भरी सड़कों से निकलते समय गिर जाते हैं जिससे चोटिल हो जाते हैं।"

दशरथ आगे बताते हैं, "सड़क सही करवाने के लिए कई बार ग्राम प्रधान से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद हमने विधायक जी से भी इस समस्या के बारे में शिकायत की, वहां से जवाब मिला कि जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।"

तीन-चार साल से हमारे गाँव की सड़क खराब है। स्कूल जाने वाले बच्चों को भी इसी कीचड़ से होकर जाना पड़ता है।
जमुना देवी, महिला किसान

इसी गाँव के निवासी चंद्रपाल (54 वर्ष) बताते हैं, "हमारे मजरे का कम से कम तीन चार किलोमीटर का रास्ता खराब है। यहां लोग खराब रास्ते से निकलते समय गिर जाते हैं जिससे उनको चोट लग जाती है।" गाँव की खराब सड़क की शिकायत ग्रामीणों ने कई बार सम्बन्धित अधिकारियों से की, लेकिन नतीजा शून्य रहा है। इससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

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