ग्राम सचिवालय बना जुआरियों का अड्डा
Divendra Singh 3 Oct 2016 6:49 PM GMT

रूपेश पांडेय (कम्युनिटी रिर्पोटर)
बरगदवा (सिद्धार्थनगर)। जहां सरकार एक तरफ कई नई योजनाओं के तहत नए भवनों का निर्माण करा रही है। वहीं, दूसरी तरफ कई वर्षों से बंद पड़े सरकारी भवनों पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
लोगों में फैल रही है दहशत
लोटन विकास खण्ड के ग्राम पंचायत पटखौली के टोला बरगदवा में पिछले दशक में मिनी सचिवालय का निर्माण कराया गया था। लेकिन लाखों खर्च के बाद भी लाभ मिलना तो दूर, ये सचिवालय लोगों के लिए परेशानी बन गया है। इस सचिवालय में असमाजिक तत्वों के गतिविधियों से लोगों में दहशत फैल रही है।
सचिवालय बना मगर अफसर न आए
बरगदवा गाँव के रहने वाले श्रीपति सिंह बताते हैं, "ग्रामीणों में इस योजना से बेहद खुशी थी। हमें उम्मीद थी की अब किसी सरकारी काम के लिए कर्मचारियों के तलाश में दूर नहीं जाना पड़ेगा। गाँव में ही सारे काम हो जाएंगे लेकिन सचिवालय बनने के बाद यहां एक दिन भी कोई अधिकारी व कर्मचारी नहीं आया।"
सरकारी योजनाओं से लोग हैं अंजान
सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में मिनी सचिवालय का निर्माण करवाया था। शासन की मंशा थी की सचिवालय के जरिए ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उनके गाँव में ही मिल जाएगा।
अटकी हैं सरकारी प्रक्रियाएं
इस सचिवालय में ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी व लेखपाल आदि ग्राम पंचायत स्तर के प्रतिनिधियों व कर्मचारियों के नियमित रूप से बैठने की बात की गई थी। सचिवालय के माध्यम से ग्रामीणों को आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के फार्म व प्रक्रिया को पूरा किया जाना था।
चोर-उचक्कों से लगता है डर
गाँव के बेचन बताते हैं, "अधिकारियों के इंतजार में कई सालों बाद यह भवन भी जर्जर हो रहा है। फायदा मिलना तो दूर अब इलाके के जुआरी, शराबी व चोर उचक्के यहां डेरा डाले रहते हैं। रात में अपराधियों की शरण लेने की आशंका से मन में दहशत बना रहता है।" ग्राम प्रधान संजू देवी ने बताया कि सचिवालय बने करीब दस वर्ष हो चुका है। इसकी मरम्मत के सन्दर्भ में कोई निर्देश नहीं प्राप्त हुआ है।
"This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org)."
More Stories