गाँव की दस हस्तियों को सीएम ने किया सम्मानित

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गाँव की दस हस्तियों को सीएम ने किया सम्मानितसीएम अखिलेश ने दस प्रतिभाओं को स्वयं अवार्ड दिया।

लखनऊ। गाँव कनेक्शन फ़ाउंडेशन के स्वयं अवार्ड समारोह में बुधवार को यूपी के विभिन्न ग्रामीण अंचलों की 10 सर्वश्रेष्ठ हस्तियों को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी हस्तियों को सम्मानित करने के बाद कहा कि आपका योगदान समाज के लिए सराहनीय है। इससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी।

आईजीपी में कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का गाँव कनेक्शन की निदेशक यामिनी त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। इसके बाद अलग-अलग जिलों के किसानों ने भी मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।

गाँव कनेक्शन के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित स्वयं फ़ेस्टिवल के तहत प्रदेश के 25 ज़िलों में सात दिनों तक ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के एक हज़ार कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इनमें महिला सशक्तीकरण, यूपी 100, 1090 वुमेन पावर लाइन आदि के सत्र हुए। ये कार्यक्रम दो से 8 दिसंबर तक आयोजित किए गए थे, जो कि देश का सबसे बड़ा ग्रामीण उत्सव है। इन कार्यक्रमों में शरीक होने वाले कई ग्रामीण बुधवार को आयोजित समापन समारोह में मौजूद रहेंगे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मौके पर कहा, "मैं गाँव कनेक्शन को बधाई देना चाहता हूं कि उनका प्रयास दिन पर दिन व्यापक हो रहा है। सरकार के लोग और राजनीति करने वाले इसे जरूर पढ़ रहे होंगे। क्योंकि यही एक ऐसा माध्यम है जो सरकार तक गाँव की परेशानी और तंगहाली की खबरें पहुंचा रहा है। सरकार मदद कर सकती है लेकिन उससे पहले जरूरी है कि उस तक सूचना पहुंचे। मैंने अपनी यात्राओं में कई बार परेशान ग्रामीणों को देखा है और अपने स्तर से ही उनकी मदद की है। स्वयं अवार्ड के जरिए ऐसे लोगों को भी सामने लाने के लिए भी मैं फाउंडेशन का शुक्रिया अदा करता हूं जिनके अच्छे कामों के बारे में सरकार को पता नहीं चल पाता।"

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सरकार की 55 लाख महिलाओं तक समाजवादी पेंशन पहुंचाने, ग्रामीणों को लैपटाप बांटने, गाँव-गाँव दूध की नदियां बहाने के लिए कामधेनु योजना पहुंचाने और समाजवादी स्मार्ट फोन योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा-"स्मार्ट फोन से जनता को हम सीधे सरकार से जोड़ेंगे।"

उन्होंने मोदी सरकार की नोटबंदी की योजना पर चुटकी लेते हुए कहा-"केंद्र सरकार को पता ही नहीं है कि उनकी मंशा क्या है। बार्डर पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद उन्होंने आपके 500-1000 रुपए के नोट पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी। ऐसा इसलिए कि उनके पास बताने को कुछ है ही नहीं मुख्यमंत्री ने कहा-जो लोग नोटबंदी के कारण आजकल लाइन में लग रहे हैं वे कुछ दिन बाद (चुनाव में) फिर से लाइन में लगेंगे और तभी जिन्होंने उन्हें परेशान किया है उनसे हिसाब चुकता करना है।

गाँव कनेक्शन फ़ाउंडेशन हमेशा ही ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता लाने के लिए प्रयास करता रहा है। स्वयं फ़ेस्टिवल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में किसान चौपाल लगाकर कृषकों को आधुनिक खेती के बारे में जानकारी देना, नेत्र शिविर, रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर, मृदा परीक्षण, पशु टीकाकरण, स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, नुक्कड़ नाटक का मंचन, योग प्रशिक्षण, लड़कियों को जूडो व मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देने जैसे कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस बीच नोटबंदी के बीच पेटीएम की मदद से ई-वॉयलेट के जरिए खरीदारी करने की भी जानकारी ग्रामीणों को दी गई। वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से 1090 और डायल 100 की मदद से एक सुरक्षित समाज बनाने का भी प्रयास किया गया। इतना ही नहीं इस उत्सव के दौरान ग्रामीणों को किन्नरों व उनके द्वारा समाज में झेली जाने वाली चुनौतियों के प्रति भी जागरूक किया गया। स्वयं फेस्टिवल अपने विभिन्न कार्यक्रमों के ज़रिए करीब 7 लाख ग्रामीणों से सीधे जुड़ा, उन्हें साथ लाया।

स्वयं फ़ेस्टिवल की डायरेक्टर यामिनी त्रिपाठी का कहना है, “स्वयं फ़ेस्टिवल ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त गंभीर मसलों को हल करने का प्रयास करता है। साथ ही, तनाव से भरी ग्रामीण ज़िंदगी में मनोरंजन के साथ ही जागरूकता जगाने का भी प्रयास किया जाता है।” उन्होंने कहा, “असुविधाओं के बीच कुछ अलग करके एक बेहतर समाज बनाने वालों को स्वयं अवॉर्ड दिया जाता है। ऐसे लोगों की उपलब्धि को औरों के सामने लाकर दूसरों को भी प्रेरणा देने का प्रयास ही स्वयं फ़ेस्टिवल का मुख्य आधार है।” उन्होंने आगे कहा, “इस महा आयोजन को सफल बनाने में करीब 650 वालंटियर्स का समूह बीते कई दिनों से अथक प्रयास कर रहा था। वहीं, उत्तर प्रदेश कृषि और पशु पालन विभाग की ओर से भी इस भव्य आयोजन में काफी मदद मिली।”

स्वयं उत्सव इस लिए भी खास रहा क्योंकि इसके तहत उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी ग्रामीणों से सीधे संवाद करने का अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम चलाया। स्वयं उत्सव के 7 दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने 25 ज़िलों में 200 कार्यक्रमों के ज़रिए लाखों लोगों के मन से पुलिस का डर निकालने का प्रयास किया।

इससे पहले गाँव कनेक्शन मीडिया ग्रुप के प्रधान संपादक डॉ एसबी मिश्र ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "गाँव कनेक्शन हर उस समस्या को छापेगा जिसको प्रशासन सुनी-अनसुनी कर देता है। केंद्र सरकार की ही बात करें तो उसने गाँववालों को गहरे तालाब में फेंक दिया है अब या तो डूब जाओ या तैरना सीख लो। गाँववालों को भी डिजिटल की दुनिया को सीखना पड़ेगा।"

इस मौके पर गाँव कनेक्शन फाउंडेशन ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग के साथ एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत दोनों संस्थाएं गाँव में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जागरूकता कार्यक्रम साथ मिलकर चलाएंगी।

इस विशालकाय स्वयं उत्सव को गाँव कनेक्शन फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया था। फाउंडेशन को इस आयोजन के लिए Google, paytm, टाटा ट्रस्ट और Red FM जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं का सहयोग प्राप्त हुआ।

कम समय में और सीमित संसाधनों के साथ ग्रामीण भारत का सबसे बड़ा उत्सव मनाने वाले गाँव कनेक्शन के संस्थापक नीलेश मिसरा ने अपने संबोधन में कहा, "गाँव कनेक्शन चार साल का हो गया है यानि ईमानदारी की पत्रकारिता के चार साल। हम पिछले साल इसी हाल में मिले थे लेकिन तब स्वयं फेस्टिवल इतना व्यापक नहीं था लेकिन इस बार हम इसे 25 जिलों में लेकर गए और अब 75 जिलों में लेकर जाएंगे। यही नहीं अब यह उत्सव साल में दो बार होगा। अगला स्वयं उत्सव अप्रैल 2017 में होगा।"

ये हस्तियां हुईं सम्मानित

1. तारा पाटकर- संस्थापक, रोटी बैंक

सालों से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में रोटी बैंक खोलकर आपने सुनिश्चित किया कि किसी को भूखे पेट न सोना पड़े. आपकी इस पहल से प्रेरित होकर देश के कई हिस्सों में इस तरह के बैंकों की शुरुआत हुई. अपने इस अभिनव प्रयोग से हज़ारों लोगों को रोटी का मोहताज होने से बचाने के लिए आपको स्वयं अवार्ड से सम्मानित किया जाता है।

2. जॉन और रोज़ी- सामाजिक कार्यकर्ता

अमेरिका से भारत आकर आपने गरीब बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा अपने कंधे पर उठाया. हज़ारों बच्चों को अशिक्षा के अँधेरे से निकालकर समाज में आगे बढ़ने के क़ाबिल बनाने के लिए आपको स्वयं अवार्ड से सम्मानित किया जाता है।

3. गीता राजधर- सामाजिक कार्यकत्री

गांव की उन लड़कियों को सैनिटेरी हाइजीन जैसे संवेदनशील विषय पर आपने जागरूक किया जिन्हें इस बारे में बात तक करने में झिझक होती है. समाज की रूढ़ियों को तोड़कर सैकड़ों लड़कियों के बीच स्वस्थ जीवन के प्रति मुहिम छेड़ने के लिए आपको स्वयं पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

4. आरती सिंह- सामाजिक कार्यकत्री

रायबरेली ज़िले के कई गाँवों में आपने महिलाओं को सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूक किया. महिला स्वास्थ्य, पर्दा प्रथा,मैंन्सुअल हेल्थ और खुले में शौच जैसी ना जाने कितनी ही बुराइयों को लेकर गाँव की महिलाओं को सजग बनाने में दिए गए आपके योगदान के लिए आपको स्वयं अवार्ड से सम्मानित किया जाता है।

5. अभय श्रीवास्तव-शिक्षक

कई सालों से दिव्यांग बच्चों के लिए काम करते हुए आपने पूरी कोशिश की कि शारीरिक कमज़ोरी इन बच्चों की जिंदगी की रुकावट ना बने. इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में आपके विशिष्ट योगदान के लिए आपको स्वयं अवार्ड से सम्मानित किया जाता है।

6. आदित्य कुमार- अध्यापक

साइकिल पर घूम कर आपने झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों को पढ़ाने और उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक करने का काम किया. साइकिल पर ही ‘चलता-फिरता स्कूल’ चलाकर वंचित तबकों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में आपके योगदान के लिए आपको स्वयं अवार्ड से सम्मानित किया जाता है।

7. जीतेंद्र चतुर्वेदी- चिकित्सक और समाज सुधारक

मुख्यधारा से दूर जंगल की बीच अपनी दुश्वारियों के साथ जी रहे आदिवासी और वनग्राम के लोगों की ज़िंदगी को बेहतर बनाने का आपने बीड़ा उठाया। हाशिये पर जी रहे इन वन ग्राम निवासियों को उनकी पहचान दिलाकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आपको स्वयं अवार्ड से सम्मानित किया जाता है।

8. ज्ञानेश शर्मा- कौशल विकास एवं कंप्यूटर ट्रेनर

करीब 10 हज़ार ग्रामीण बच्चों और युवाओं को कंप्यूटर और कौशल विकास से ज़ुड़ी ट्रेनिंग देकर आपने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया। कौशल विकास एवं नवीन तकनीकी के क्षेत्र में ज़रूरतमंद लोगों को प्रशिक्षित कर उन्हें रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने में आपके अहम योगदान के लिए आपको स्वयं अवार्ड से सम्मानित किया जाता है।

9. प्रेम सिंह- प्रगतिशील किसान

पारंपरिक खेती में नए प्रयोग करके आपने खेती को किसानों के लिए फायदेमंद बनाने के तरीके इजाद किये। सैकड़ों किसानों को अपने साथ जोड़कर उन्हें बिचौलियों के चंगुल से मुक्त करने और हज़ारों किसानों के लिए प्रेरणा बनने के लिए आपको स्वयं अवार्ड से सम्मानित किया जाता है।

10. रूपा बाबा- संस्थापक, सन्दीपनि मुनि इंटर कॉलेज

अपनी संस्था ‘फूड फॉर लाइफ’ के तहत आपने वृंदावन में गरीब बच्चियों के लिए स्कूल खोलकर ना सिर्फ उनके लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की बल्कि उन्हें कई हुनर भी सिखाए ताकि वो अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। हज़ारों लड़कियों को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के लिए आपको स्वयं अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता है।

  

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