पपीते के पेड़ की पत्तियां हो रही हैं पीली तो करें ये उपाय

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पपीते के पेड़ की पत्तियां हो रही हैं पीली तो करें ये उपायपपीते की फसल।

सवालः मैंने एक बीघा खेत में पपीता की बाग लगायी है, पिछले कुछ दिनों में कुछ पौधों की पत्तियां नीचे की तरफ मुड़ जा रही हैं। उनकी वृद्धि भी रुक गयी है। इसकी रोकथाम के लिए क्या कर सकते हैं।

राधेश्याम वर्मा, किसान लहरपुर, सीतापुर

जवाबः आपके पपीते में पर्ण-कुंचन (लीफ कर्ल) रोग के लक्षण दिखायी दे रहे हैं। ये लक्षण केवल पत्तियों पर दिखायी पड़ते हैं। रोगी पत्तियां छोटी एवं झुर्रीदार हो जाती हैं। पत्तियों का विकृत होना एवं इनकी शिराओं का रंग पीला पड़ जाना रोग के सामान्य लक्षण हैं।

रोगी पत्तियां नीचे की तरफ मुड़ जाती हैं और फलस्वरूप ये उल्टे प्याले के अनुरूप दिखायी पड़ती हैं। यह पर्ण कुंचन रोग का विशेष लक्षण है। पतियां मोटी, भंगुर और ऊपरी सतह पर अतिवृद्धि के कारण खुरदरी हो जाती हैं। रोगी पौधों में फूल कम आते हैं। रोग की तीव्रता में पतियां गिर जाती हैं और पौधे की बढ़वार रूक जाती है।

रोग के कारण

यह रोग पपीता पर्ण कुंचन विषाणु के कारण होता है। पपीते के पेड़ स्वभावतः बहुवर्षी होते हैं, अतः इस रोग के विषाणु इन पर सरलता पूर्वक उत्तरजीवी बने रहते हैं। बगीचों में इस रोग का फैलाव रोगवाहक सफेद मक्खी बेमिसिया टैबेकाई के द्वारा होता है। यह मक्खी रोगी पत्तियों से रस-शोषण करते समय विषाणुओं को भी प्राप्त कर लेती है और स्वस्थ्य पत्तियों से रस-शोषण करते समय उनमें विषाणुओं को संचरित कर देती है।

रोकथाम

पपीते के पौधों में मुजैक, लीफ कर्ल, डिस्टोसर्न, रिंगस्पॉट, जड़ एवं तना सड़न, एन्थ्रेक्नोज एवं कली तथा पुष्प वृंत का सड़ना आदि रोग लगते हैं। इनके नियंत्रण में वोर्डोमिक्सचर 5:5:20 के अनुपात का पेड़ो पर सड़न गलन को खरोचकर लेप करना चाहिए। अन्य रोग के लिए व्लाईटाक्स 3 ग्राम या डाईथेन एम्-45, 2 ग्राम प्रति लीटर अथवा मैन्कोजेब या जिनेव 0.2% से 0.25 % का पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए अथवा कॉपर आक्सीक्लोराइट 3 ग्राम या व्रासीकाल 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।

डॉ. राजीव कुमार सिंह, कृषि वैज्ञानिक, केवीके, बलिया

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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