पैसा न चुकाने पर नहीं आई एंबुलेंस, तड़पते-तड़पते प्रसूता ने तोड़ा दम

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पैसा न चुकाने पर नहीं आई एंबुलेंस, तड़पते-तड़पते प्रसूता ने तोड़ा दमसामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पयागपुर में एम्बुलेंस के न आने के कारण प्रसूता की मौत

प्रशांत श्रीवास्तव, कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

बहराइच। जिले के स्वास्थ्य विभाग में अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार का बोल-बाला इस कदर हावी होता जा रहा है की हर रोज इसमें कुछ न कुछ नई घटनाएं जुड़ रही हैं, जिसका खामियाजा आम मरीज़ों को भुगतना पड़ रहा है। हाल ही में जिला अस्पताल में आई एक प्रसूता को एम्बुलेंस के अभाव में अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया, जिसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग के ऊपर कई प्रश्न चिन्ह उठाए जा रहे हैं।

यह मामला बहराइच जिला मुख्यालय से 22 किमी. पूर्व दिशा में पयागपुर विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा है। यहां तीन अक्टूबर शाम छह बजे पयागपुर विकासखंड के शम्भूटिकरी ग्रामसभा स्थित चुंटीपुरवा गाँव के निवासी सत्यदेव यादव अपनी गर्भवती पत्नी उर्मिला का प्रसव कराने लाए थे। प्रसव के बाद प्रसूता की हालत नाज़ुक होने पर डॉक्टरों ने इन्हें जिला अस्पताल बहराइच रेफ़र कर दिया।

हमने अपनी पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस चालक से संपर्क किया, लेकिन एम्बुलेंस चालक ने उसके बदले पैसे की मांग कर दी। पैसा न देने पर उसने एम्बुलेंस ले जाने को मना कर दिया। सही इलाज ने हो पाने से मेरी पत्नी की मौत हो गयी।
सत्यदेव, उर्मिला का पति

सरकार द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 102 एम्बुलेंस सेवा से अब तक 10170819 लोगों और 108 एम्बुलेंस सेवा से अब तक 5762455 लोगों को नि:शुल्क मदद पहुंचाई गई है। लाखों लोगों को इऩ एंबुलेंस से जिंदगी भी मिली है, लेकिन कुछ जिलों में स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से इस सेवा का लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।

मामले के संबंध में जब पयागपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमबी जायसवाल से बात हुई तो उन्होंने बताया कि डॉ. पद्मा त्रिपाठी ने प्रसव कराया था, तब तक प्रसूता की हालत ठीक थी। प्रसव के आधे घंटे बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो 102 एम्बुलेंस को फोन किया गया, फोन न मिलने के कारण वहां पहले से मौजूद 108 एम्बुलेंस से प्रसूता को भेजा गया जिसकी रास्ते में मृत्यु हो गई।

महिला की मृत्यु के बाद परिजनों ने यहां पर तैनात इएमसी पंकज तिवारी पर पैसों के लेन देन का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने पैसे की मांग की थी और न देने की वजह से जानबूझ कर देरी की गई, जिससे प्रसूता की मौत हो गई।
डॉ. एमबी जयसवाल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

एम्बुलेंस सेवा 102 व एम्बुलेंस सेवा 108 को 24 घंटे नि:शुल्क प्रदान करने का सरकार दावा तो बढ़-चढ़ कर के कर रही है पर देश के कई हिस्सों में एम्बुलेंस ना मिल पाने के मामले लगातार सुनने में आ रहे हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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