विधवाओं के खाते में साल भर से नहीं पहुंची पेंशन

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विधवाओं के खाते में साल भर से नहीं पहुंची पेंशनखातों में नहीं पहुंची पेंशन 

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: संदीप गौतम

रायबरेली। आशा देवी (52वर्ष) को पिछले वर्ष विधवा पेंशन मिली थी, लेकिन एक बार खाते में पैसे आने के बाद फिर दोबारा उनके खाते में कोई भी धनराशि नहीं आई है। वो कई बार बैंक के चक्कर लगा चुकी हैं लेकिन हर बार मायूसी हाथ लगी है, जिले में ऐसी कई महिलाएं मिली हैं जिन्हें पेंशन का इंतजार है।

रायबरेली जिले के बछरावां ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले थुलेंड़ी गाँव में तीन महिलाओं को सरकार की तरफ से विधवा पेंशन मिलती है पर सभी के खाते में पिछले वर्ष कोई भी पैसा नहीं आया है।

दो साल पहले हार्ट-अटैक से हमारे आदमी खत्म हो गए थे। एक साल पहले हमने ग्राम प्रधान की मदद से विधवा पेंशन का फारम ब्लॉक में जमा करवा दिया था। इसके बाद एक बार तो पैसा मिला बराबर मिला पर उसके बाद आज तक खाते में एक पैसा नहीं आया है।अभी भी इंतज़ार करते हैं कि खाते में कब पैसा आ जाए।
आशादेवी (52 वर्ष)

समाज कल्याण विभाग की विधवा पेंशन योजना में लाभार्थियों को पेंशन राशि का भुगतान एक वर्ष में चार किश्तों में किया जाता है। यह सुविधा पति की अकाल मृत्यु होने पर विधवा महिलाओं को पेंशन के रूप में दी जाती है पर अभी कई गाँवों विधवा महिलाओं को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है।

इसी तरह जिले के लालगंज ब्लॉक के चिलौला की संगीता (42 वर्ष) के पति की मृत्यु दो वर्ष पहले एक कार एक्सीडेंट में हो गई थी। इसके बाद उसने तहसील जाकर अपने घरवालों की मदद से विधवा पेंशन का फॉर्म भरा और उन्हें 600 रुपये महीने के हिसाब से पेंशन भी मिलने लगी थी, दो किस्त बैंक में आईं लेकिन उसके बाद पैसा नहीं पहुंचा।

पेंशन के इंतज़ार में बैंक के कई बार चक्कर काट चुकी संगीता बताती हैं, "एक साल होने वाला है, पेंशन के पैसे नहीं मिले हैं। बैंक जाने पर वहां के अधिकारी बताते हैं कि अभी पेंशन के पैसे विभाग से ही नहीं भेजे गए हैं,इसलिए पेंशन का पैसा नहीं ट्रांसफर हो पा रहा है। जब पैसे आएंगे तो खुद खाते में डाल दिए जाएंगे।"

पेंशन के पैसों से महिलाओं को घर चलाने के अलावा किसी न किसी रोज़गार के जुड़ कर आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही थी पर खातों में पैसे ना आने से महिलाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गाँव में महिलाओं को विधवा पेंशन न मिल पाने पर चिलौला ग्राम प्रधान बब्लू यादव बताते हैं," हमने खुद बैंक ले जाकर महिलाओं के खाते खुलवाए थे पर कई बार बैंक से यह शिकायत मिलती है कि खाता गलत है या विभाग से पैसा नहीं आया है। पेंशन ना आने से महिलाओं को परेशानी हो रही है।''

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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