कई महीनों बाद आया नहर में पानी

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कई महीनों बाद आया नहर में पानीबरसों से सूखी पड़ी थी नहर।

रतन पाल सिंह, कक्षा- 12, उम्र- 16 वर्ष, रईस अहमद इंटर कालेज, इटवा, सिद्धार्थनगर

इटवा (सिद्धार्थनगर)। पिछले कई महीनों से नहर में पानी न आने से किसानों की धान की फसल सूख रही थी, लेकिन नहर में पानी आ जाने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। यह कारनामा ‘गाँव कनेक्शन’ द्वारा प्रमुखता से इस खबर को अधिकारियों के संज्ञान में लाने के बाद हुअा है।

जिले के इटवा ब्लॉक के खुनियांव, गंगवल, मुड़िला, करुआ सहित दजर्नों गाँवों से गुजरने वाली माइनर में पानी नहीं छोड़ा जा रहा था। इससे नहर पर निर्भर किसानों की धान की फसल सूख रही थी, किसान किसी तरह डीजल इंजन के भरोसे सिंचाई कर रहे थे। इस खबर को गाँव कनेक्शन ने प्रमुखता से छापा था, खबर लगने के बाद इसमें पानी आने लगा है। इससे किसानों की परेशानी दूर हो गयी है।

बरसों से सूखी पड़ी थी नहर।

गाँव के राम नरेश (50 वर्ष) कहते हैं, "नहर में पानी न आने धान की फसल सूख गयी थी, किसी तरह डीजल इंजन के भरोसे सिंचाई कर रहे थे। अब नहर में पानी आने से गेंहू बोने में फायदा हो जाएगा।" वो आगे बताते हैं, "कई किसानों ने तो धान ही नहीं लगाया था, अब खेत में पानी भरकर गेंहू और लगा सकते हैं।" नहर में पानी न आने से किसान मजबूरन डीजल इंजन से सिंचाई कर रहे थे, जिनके पास अपना इंजन है उनका तो ठीक है। नहीं तो सिंचाई बहुत महंगी पड़ती है, जिससे जितना फायदा नहीं होता, उससे ज्यादा लागत आ जाती है।

इसी गाँव के अरविंद सिंह कहते हैं, "गाँव कनेक्शन में खबर छपने के बाद नहर में पानी आया है, इससे किसानों को बहुत फायदा होगा। जिन्होंने लेट धान लगाया था, वो अभी भी सिंचाई कर सकते हैं और आगे की फसल भी लगा सकते हैं।"

"This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org)."


      

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