स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
वाराणसी। धार्मिक शहर एंव पीएम के संसदीय क्षेत्र बनारस को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की घोषणा लखनऊ से यहां के बिजली दफ्तर तक दस्तक दी, लेकिन शहर और गांवों तक नहीं पहुंची है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के नये प्रबंध निदेशक अतुल निगम नेखुद कहा कि सितम्बर तक सिस्टम अपग्रेड हो जाएगा। इसके बाद उम्मीद है कि अक्टूबर से शहरी क्षेत्र को बगैर किसी व्यवधान के निर्बाध आपूर्ति मिलने लगेगी। बनारस शहर की बात करें तो सिर्फ 22 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली मिल रही है।
वाराणसी में ओवरब्रिज, बिजली तार को अंडर ग्राउंड करने, सीवर सफाई, पेयजल की नई पाइप लाइन बिछाने समेत आदि परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जिसके चलते आए दिन बिजली विभाग की ओर से बिजली कटौती की घोषणा होती है
विशेश्वरगंज मंडी के दुकानदार सामंत यादव (35वर्ष) कहते हैं,“ दो दिन से कटौती कम हो रही है, लेकिन इसके पहले दिनभर में आंधे और एक घंटे की कटौती चार-पांच बार जरूर होती थी। सरकार घोषणा करती है 24 घंटे बिजली देने की, लेकिन विभागीय अधिकारी कुछबयान देते हैं। इससे तो यही लगता है कि सरकार और विभाग में संवादहीनता है। ”
काशी विद्यापीठ ब्लाक के ग्राम सभा करौता निवासी संतोषी मास्टर (70वर्ष) कहते हैं,“ गांव में बिजली 15 से 16 घंटे मिलती है। पहले से स्थिति अच्छी है। पहले तो हम लोग सिर्फ 10 से 12 घंटे ही बिजली मिलती थी। ”
चिरईगांव ब्लाक के लेढूपुर गांव निवासी पवन सिंह (38वर्ष) बताते हैं,“ बिजली की स्थिति ठीक ठाक है। हमारे कहने से न तो बिजली कटौती बंद होगी, न ही 24 घंटे मिलेगी। सभी जान गए हैं कि अब सरकार जनता के लिए काम नहीं करती है।”
अधीक्षण अभियंता (ग्रामीण) विकास कपूर ने बताया,“ पूरे वाराणसी को 24 घंटे आपूर्ति हो रही है। सभी ब्लाकों में भी 24 घंटे आपूर्ति हो रही है। अगर कोई 16 या 20 घंटे की बात कह रहा है तो गलत है। विकास कार्यों के मद्देनजर कुछ क्षेत्रों में कट होती है, वह भी पूर्व मेंसूचित कर किया जाता है।”
अधीक्षण अभियंता (मच्छोदरी) मनोज गुप्ता बताते हैं,“ मेरे क्षेत्र में पिछले एक हफ्ते का औसतन 23:52 प्रतिशत की आपूर्ति है। हां, यह जरूर है कि आर्ईटीबीएस योजना के तहत जरूरत पडऩे पर बिजली कटौती होती है, लेकिन इसकी जानकारी अखबारों के माध्यम जनताको दे दी जाती है। ट्रांसफार्मर खराब होने की शिकायत मिलने के चार घंटे अंदर ट्राली ट्रांसफार्मर लगा दी जाती है और अगले दिन उसकी मरम्मत की जाती है। वर्तमान में हमारे अंडर में तीन ट्राली ट्रांसफार्मर हैं, जिसमें एक आजाद पार्क के लगा है।”