एटा: अलीगंज में हुई 26 मौतों से भी नहीं लिया सबक, धधक रही भट्ठियां

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स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

एटा। जिले में जहरीली शराब की तमाम भट्टियां सुलगती हैं। कभी-कभी इन इलाकों में आबकारी विभाग पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर लेता है, लेकिन कच्ची शराब का धंधा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।

15 जुलाई 2016 की रात को अलीगंज के लोग शायद ही कभी भूल पाएं। इस दिन जहरीली शराब पीने से 26 लोगों की मौत हो गई थी। इतनी बड़ी घटना से शासन प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे। घटना के बाद आबकारी विभाग और पुलिस के अधिकारियों पर गाज गिरी थी। बावजूद इसके कच्ची शराब के धंधे पर रोक नहीं लग सकी। हालांकि इस घटना के बाद आबकारी विभाग और पुलिस ने अलीगंज ब्लाक के ही गांव टपुआ और किनौरी गांव में छापामार कार्रवाई की थी। तब यहां जगह-जगह पर अवैध शराब की भट्टियां सुलगती नजर आईं। अभी एक महीने पहले भी पुलिस ने कार्रवाई कर एक महिला को पकड़ा था।

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महिलाओं ने संभाला था मोर्चा

सूबे में जब योगी सरकार आई तो उसके बाद अचानक से जनपद के ग्रामीण इलाकों में शराब बंदी के लिए महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया था। महिलाओं ने घर का चूल्हा-चौका छोड़ हाथों में डंडे लेकर गांवों में स्थित देसी शराब के ठेकों पर जमकर तोड़फोड़ भी की थी। मारहरा, अवागढ़, जलेसर, अलीगंज थाना क्षेत्रों में पुलिस को देशी शराब के ठेकों पर तोड़फोड़ करने के खिलाफ मुकदमें भी दर्ज करने पड़े थे।

एटा जिला आबकारी अधिकारी आनन्द प्रकाश ने बताया हम सप्ताह में दो बार पुलिस के साथ मिलकर अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करते हैं। जहां भी हमें कच्ची शराब बेचने व बनाने की शिकायत मिलती है, हम तुरंत एक्शन लेते हैं। जिले में अवैध शराब बेचने की शिकायत पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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