30 साल से एक पुल बनाने की मांग कर रहे हैं 24 गाँव के लोग
गाँव कनेक्शन 10 Nov 2016 8:46 PM GMT
कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: दीनानाथ
बढ़नी (सिद्धार्थनगर)। गाँवों के विकास के लिए केन्द्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन आज भी जिले के दो दर्जन से अधिक गाँव के लोगों को पुल न मिलने की वजह से पानी में घुसकर नदी पार करनी पड़ती है।
दो दर्जन से अधिक गाँव के लोग हैं प्रभावित
जिले के नेपाल सीमा से सटे बढ़नी ब्लॉक के करीब दो दर्जन से अधिक गाँव के लोगों को अपने घर तक पहुंचने में दो किमी. के बजाय 15 किमी. का सफर तय करना पड़ता है, वो भी अपने ब्लाक तक पहुंचने के लिए। बढ़नी ब्लाक के कई गाँव के लोग नदी पर एक पुल न बनने की वजह से परेशानी उठाते हैं।
इन गाँवों से होकर गुजरती है नदी
यहां के लोग पिछले तीन दशक से घोरही नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों को वादे के अलावा कुछ नहीं मिला। नेपाल से आने वाली घोरही नदी बढ़नी ब्लाक के रोनिहवा, खरीकोरा, सभमानपुर, रेडवारिया, लोहाटी, औद्दाहि कला, बसंतपुर, मधवापुर आदि गाँव के लोग से सटकर कर गुजरती है।
अब नेताओं को सबक सिखाना चाहते हैं सबक
औदही कला के जगदीश बताते हैं, "नेता पिछले 30 साल से पुल बनवाने का वादा कर रहे हैं, लेकिन चुनाव में किया वादा जीत के बाद भुला दिया जाता है। एक पुल के बिना करीब 75 हज़ार की आबादी प्रभावित हो रही है। पुल न होने से लोग क़ैद होकर रह जाते हैं। पुल का इंतज़ार अब लोगों को आक्रोशित कर रहा है। अब ग्रामीण नेताओं को सबक सिखाना चाहते हैं।"
चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी
इन गाँव की अपने ब्लॉक से दूरी 2.4 किमी ही है, लेकिन नदी पर पुल न होने से गाँव वालों को 15 किमी का चक्कर लगाकर बढ़नी जाना पड़ता है। रोनिहवा के रामशंकर कहते हैं कि अब हम लोग सत्याग्रह का मन बना चुके हैं। वे कहते हैं कि हमने मुख्यमंत्री को पत्र देकर सड़क पर उतरने और चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे दी है।
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