स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। पशुओं में खुरपका और मुंहपका का टीकाकरण और बांझपन समेत कई बीमारियों का इलाज अब ब्लॉक स्तर पर आसानी से उपलब्ध होगा। पशुपालन विभाग ने सरल पशु चिकित्सा के लिए मोबाइल वेटनरी वैन की व्यवस्था की जा रही है। गाँव कनेक्शन ने पशुपालन विभाग को सुझाव दिया था, जिसमें पशुओं के बेहतर इलाज के लिए मोबाइल वेनटरी वैन की बात कहीं गयी थी।
जिसमें प्रदेश के सात जिलों में मोबाइल वेनटरी वैन की सफलता के बाद सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बजट 2016-17 में बहुउद्देशीय सचल पशु चिकित्सा सेवा के लिये 40 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।
मोबाइल वेटनरी वैन ब्लॉक स्तरीय पशु चिकित्सालय में तैनात रहेगी। अगर किसी पशु को गंभीर बीमारी है तो ये वैन में तैनात डॉक्टर मौके पर पहुंच कर इलाज करेंगे। बाकी समय में ये वैन गांव-गांव, मेले और बाजारों आदि में घूम-घूम कर पशुओं को चिकित्सीय सुविधाएं देंगी।
लखनऊ स्थित पशुपालन विभाग के प्रशासन एवं विकास निदेशक डॉ. राजेश वाष्णेय बताते हैं, ”इस बार पहले से ज्यादा बजट मिलने की संभावना है। बजट की राशि मिलते ही हम बहुउद्देशीय सचल पशु चिकित्सा सेवा, पॉलीक्लीनिक आदि को जल्द से जल्द स्थापित करेंगे।” ब्लॉक स्तर पर बने पशुचिकित्सालयों में इस वैन को उपलब्ध कराया जाएगा।”
उत्तर प्रदेश में कुल 825 ब्लॉक है, जिनमें 51 ब्लॉक में इस वैन की सुविधा है। बाकी के 774 ब्लॉकों में इस वैन की व्यवस्था की जाएगी।
मोबाइल वैन में सुविधाओं के बारे में डॉ. वाष्णेय बताते हैं, ”हर वैन में पशु की चिकित्सा के लिए दवाई और एआई की किट की सुविधा रहेगी इसके साथ-साथ पशुपालकों को बांझपन की समस्या को जागरुक करने के लिए प्रचार-प्रसार की सुविधा रहेगी।”
पशु चिकित्सालयों में अस्पतालों के बारे में डॉ राजेश ने बताया, ”जिन अस्पतालों की हालत जर्जर है उनको भी सुधारा जाएगा और इसके साथ-साथ सभी मंडलों में पॉलीक्लीनिक की स्थापना और सभी जिलों में रोग निदान प्रयोगशाला का खुलेंगी।”
गाँव कनेक्शन ने दिया था सुझाव
गाँव कनेक्शन ने पशुपालन विभाग को सुझाव दिया था, जिसमें जिसमें पशुओं के बेहतर इलाज के लिए मोबाइल वेनटरी वैन की बात कहीं गयी थी। स्वयं प्रोजेक्ट के माध्यम से लगातार ऐसे मुद्दों को उठाया जाता रहा है, विभाग के साथ मिलकर प्रदेश के कई जिलों में पशुओं में खुरपका और मुंहपका का टीकाकरण किया जाता है साथ ही बांझपन समेत कई बीमारियों के बारे में जागरुक किया जाता है।