इलाहाबाद में छात्रावास खाली कराने पहुंचे दस्ते का देसी बमों से हुआ स्वागत 

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इलाहाबाद में छात्रावास खाली कराने पहुंचे दस्ते का देसी बमों से हुआ स्वागत हाईकोर्ट के आदेश पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावासों को खाली कराने पहुंचे दस्ते पर छात्रों ने किया हमला

ओपी सिंह परिहार

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

इलाहाबाद। अवैध रूप से रह रहे छात्रों से छात्रावास को खाली कराने पहुंचे दस्ते को शनिवार को बमों का सामना करना पड़ा। कार्रवाई के दौरान दस्ते पर बम फेंके गए, वहीं छात्रावासों में अधिकारियों ने काफी संख्या में बम भी बरामद किए।

अवैध रूप से रह रहे छात्रों से छात्रावास खाली कराने के लिए छात्र धर्मवीर सिंह की याचिका पर कार्रवाई करने का आदेश एक माह पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था। इस आदेश पर कार्रवाई को लेकर छात्रों ने काफी हंगामा किया था। इस उपद्रव को देखते हुए हाईकोर्ट ने 27 मई तक छात्रावास खाली कराने की सीमा तय करने के साथ 30 मई तक रिपोर्ट देने को कहा था। यूनिवर्सिटी प्रशासन और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने छात्रावास खाली कराने की कार्रवाई 20 मई को शुरू की थी।

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय और ट्रस्ट के हास्टल कुल मिलाकर गिनती में 16 हैं । इनमें से चार छात्रावास लड़कियों के लिए हैं। इन हास्टलों में भी काफी संख्या में छात्राएं अवैध रूप से रह रही थीं। छात्रावासों को खाली कराने में प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

चले बम और मिले बम बनाने के सामान

हास्टल खाली कराने पहुंचे जिला प्रशासन को हॉलैंड हाल, डायमंड जुबली, एस एस एल और ताराचंद छात्रावास में बम बनाने के सामान बरामद हुए। इसके अलावा हॉलैंड हाल और एस एस एल छत्रावास में पहुंचे अधिकारियों पर बम से हमला कर दिया। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। चीफ प्रॉक्टर डॉ. राम सेवक दुबे ने कर्नल गंज कोतवाली में नामजद तीन और अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

छात्रावास खाली कराने के फैसले पर छात्रों के एक गुट का कहना है कि इसमें छात्रों की कही नहीं सुनी गई है। हाइकोर्ट के आदेश के नाम पर विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन मनमानी पूर्ण रवैया अपनाया है जिससे छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।

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सत्यांशु (25वर्ष ) परास्नातक अंतिम वर्ष के छात्र का कहना है,“ हास्टल खाली कराने के लिए कुछ और समय देना चाहिए था। इस फैसले से गर्मी के मौसम में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा है।” वहीं छात्रा नूरा खातून (23वर्ष) का कहना है, “अवैध रूप से रह रहे लोगों की वजह से वैध छात्र- छात्राओं को भी फ़ज़ीहत का सामना करना पड़ रहा है।”

चीफ प्रॉक्टर डॉ.राम सेवक दुबे का कहना है,“किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए भारी संख्या में फ़ोर्स की व्यवस्था की गई है। इसके लिए चार डिप्टी एस पी, 2 प्लाटून आर ए एफ, 2 प्लाटून पी ए सी, 10 एस आई के अलावा दो थानों से कांस्टेबल बुलाए गए हैं। उनके मुताबिक छात्रों के विरोध का सामना कई जगह करना पड़ा,लेकिन फ़ोर्स की मौजूदगी से कोई बड़ी घटना नहीं घटित हुई है।”

      

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