अपनी ग्राम पंचायत को डिजिटल बना रहा एक इंजीनियर प्रधान

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अपनी ग्राम पंचायत को डिजिटल बना रहा एक इंजीनियर प्रधानअपने गाँव में ग्रामीणों से सरकारी योजनाओं के बारे में चर्चा करते प्रधान सर्वेश कुमार जायसवाल।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: अमित श्रीवास्तव (30 वर्ष)

बर्डपुर (सिद्धार्थनगर)। जहां एक तरफ ग्रामीण युवा पढ़ाई के बाद बड़े शहरे में अच्छी नौकरी करना चाहते हैं, वहीं पर एक युवा ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी पढ़ाई के बाद ग्राम प्रधान बनना पसंद किया। सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी. दूर बर्डपुर ब्लॉक के गौहनिया गाँव के सर्वेश कुमार जायसवाल (25 वर्ष) जिले के सबसे कम उम्र के प्रधान के साथ ही जिले में सबसे शिक्षित प्रधान भी हैं।

जब गाँव की देखी स्थिति

सर्वेश ने बीटेक करने के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में प्रोजेक्ट इंजीनियर के पद पर काम भी किया। अपने ग्राम प्रधान बनने के बारे में सर्वेश बताते हैं, "विगत प्रधानी चुनाव का माहौल बहुत जी जोर पर चल रहा था। उसी बीच एक दिन मेरे मन में अपने ग्राम पंचायत के गाँव को घूमने का मन किया और अपने गाँव के एक साथी के साथ निकल पड़ा। जब अपने गाँव की स्थिति देखी तो मेरे मन बहुत ही दु:ख हुआ।

और तब मैं 172 वोटों से जीता

वो आगे बताते हैं, " पिछले साल 28 दिसम्बर को चुनाव होने थे और मैं 15 दिसम्बर को पहली बार अपने ग्राम पंचायत में पैर रखा था। ऐसे में मैंने वहीं निर्णय लिया कि अब हमें गाँव के लिए कुछ करना है। बस मैं चुनाव लड़ने की तैयारी की और 13 जनवरी को जब चुनाव का परिणाम आया तो मैंने 172 वोटों से जीत दर्ज की और ग्राम पंचायत पिपरसन का प्रधान चुना गया। ग्राम प्रधान बनते ही सर्वेश ने अपने गाँव में विकास कार्य शुरू कर दिया। सर्वेश ने अपने पास से ही गरीबों को कंबल बांट दिए थे।

ग्राम पंचायत की बनाई वेबसाइट

जिले में प्रधान पद पर सबसे शिक्षित होनेे पर मिला सर्वेश कुमार जायसवाल को सम्मान।

अब सर्वेश अपनी ग्राम पंचायत को पूरी तरह से डिजिटल बनाने की कवायद में जुट गए हैं। उन्होंने अपने ग्राम पंचायत की वेबसाइट भी बना ली है। इस वेबसाइट के जरिए कोई भी कहीं से ग्राम पंचायत की पूरी जानकारी ले सकता है। सर्वेश बताते हैं, "पिछले महीने पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित प्रधानों के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में वहां नयी चीजों को सीखने का अवसर मिला। उसी को देखते हुए अपने गाँव को हाईटेक और डिजिटल गाँव बनाने के लिए मैं अब अपने गाँव में वाईफाई, सीसीटीवी, माइक्रो स्पीकर भी लगा रहा हूं।

वेबसाइट पर मिलेगी सभी योजनाएं

वेबसाइट पर सरकार की सारी योजनाएं, गाँव के विकास, गाँव में चल रहे स्वच्छता कार्यक्रम, ग्राम पंचायत की सभी योजनाओं को देखा जा सकता है। गाँव की वेबसाइट www.epiparsan.com जो शुरु हो गयी है, बाकी का भी काम जल्द से जल्द शुरू होने की तैयारी चल रही है। इसी के साथ ही सर्वेश अपनी ग्राम पंचायत को खुले में शौच मुक्त बनाने के प्रयास में भी लगे हैं। वो बताते हैं, "अभी एक टोला पिपरसन में सभी लोग शौचालय का प्रयोग करने लगे हैं, बाकी के तीन टोले भी जल्द से जल्द खुले में शौच से मुक्त होंगे।" वो आगे बताते हैं, " मैं स्वच्छ भारत मिशन का मास्टर ट्रेनर भी हूं और मैंने दृढ़ निश्चय किया है कि पूरे जनपद को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए जो भी प्रयास होगा, मैं करूंगा।"

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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