और जब श्री राम को धनुष और हनुमान को गदा छोड़ उठाना पड़ा फावड़ा…

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मेरठ। एक तरफ जहाँ सूबे में भाजपा सरकार बनने के बाद भाजपा सरकार के मंत्री और विधायक पूरे सूबे में रामराज आने का दावा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर हक़ीक़त की तस्वीर इससे काफी जुदा है। आइये आज हम आपको दिखाते हैं कि इस रामराज का दावा करने वाली सरकार में राम की ही बात नहीं सुनते हैं। रामराज का दावा करने वाले अधिकारी, विधायक और मंत्री और इसी से मजबूर होकर राम, लक्ष्मण और सीता समेत अन्य लोगों को भी हाथ में फावड़ा और परात लेकर खुद सफाई करनी पड़ रही है।

इन तस्वीरों को ज़रा गौर से देखिए। ऐसा नज़ारा न तो आपने पहले कभी देखा होगा और न ही ऐसा कभी पहले सुना होगा। चौंक गए लेकिन ये सच है। भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की वेशभूषा में मौजूद ये सभी लोग खुद फावड़ा चला कर रहे हैं। सफाई और मिट्टी को उठा कर फेक रहे हैं। मेरठ के जिमखाना मैदान में सैकड़ों वर्ष से रामलीला का आयोजन किया जाता आ रहा है और रामलीला भी ऐसी वैसी नहीं बल्कि ऐसी की जिसकी दूर-दूर तक चर्चा की जाती है और दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं। लेकिन इस साल ये रामलीला के कलाकार और रामलीला कमेटी वाले परेशान है और हो भी क्यों न क्योंकि राम के नाम का सहारा लेकर सत्ता में आने वाली पार्टी के अधिकारी, सांसद और विधायक तक इनकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं।

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बीते दिनों हुई बारिश ने जिमखाना मैदान को तालाब में बदल दिया है और अब जब पानी सूखने लगा है तो पीछे रह गई है। मैदान में मौजूद कीचड़ जिसकी वजह से यहाँ रामलीला किए जाने और इसे देखने आने वाले लोगो को भारी परेशानी हो रही है। इसी परेशानी के चलते रामलीला कमेटी के लोगों ने अधिकारियों को समस्या बताती और इस समस्या का समाधान कराने के लिए गुहार लगाई।

सांसद और विधायक के दरबार में भी अपनी परेशानी रखी लेकिन कोई भी हल नहीं हुआ। कमेटी अधिकारियों ने रामलीला को जिमखाना मैदान की जगह मैदान के पास में मौजूद धर्मशाला पर कराए जाने का फैसला किया लेकिन रामलीला शुरू होते ही धर्मशाला की जगह कम पड़ गई। इस समस्या का हल करने के लिए आज राम, लक्ष्मण और सीता समेत अन्य कलाकार अपने द्वारा निभाए जाने वाले किरदारों के कपड़े पहन कर जिमखाना मैदान में पहुंचे और सफाई में जुट गए। इन कलाकारों का कहना है की जब कोई भी उनकी परेशानी सुनने और उसे हल करने को तैयार नहीं है तो ये लोग खुद ही इस परेशानी का हल कर लेंगे।

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बहरहाल , आम लोगों को तो अधिकारियों और नेताओं पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए बहुत देखा है लेकिन ऐसा पहली बार है की लाखों लोगों की आस्था को अधिकारियों और नेताओं के नकारे रवैये की वजह ठेस लग रही है और अधिकारियो और नेताओं पर कोई भी फ़र्क़ नही पड़ रहा है।

लक्ष्मण जी संदीप कुमार (कलाकार)

लक्ष्मण ने बताया कि कई बार हमने नगरनिगम को सफाई कराने के ज्ञापन सौंपे लेकिन अब तक किसी का कोई जवाब नही आया । जब देख समय कम रह गया । तो खुद ही सफाई का बीड़ा उठाया।

हनुमान जी अभिषेक चर्तुवेदी (कलाकार)

अभिषेक चर्तुवेदी बताते हैं कि हर बार रामलीला मैदान में पानी भरा होता है लेकिन पिछले वर्ष हमने रुपए दे कर सफाई कराई थी। कोई अधिकारी हमारी नहीं सुनता तो इस लिए अबकी बार हमने खुद ही सफाई की ।

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संचालक अखिलेश (रामलीला मंडली संचालक)

रामलीला मंडली संचालक अखिलेश शास्त्री का कहना है कि कई बार नगर निगम और मेयर से मुलाकात कर मैदान से पानी निकालने और व्यावस्था ठीक कराने की गुहार लगाई। रामलीला का पूरे साल लोगों को इंतजार रहता है लेकिन दुख की बात ये है कि लोगों की आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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