ये एटीएम और बैंक कैसे, जिनमें नहीं हैं पैसे?

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ये एटीएम और बैंक कैसे, जिनमें नहीं हैं पैसे?भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बाराबंकी की मुख्य शाखा के बाहर लगा एटीएम बंद होने की वजह से लोग हुए परेशान

रिपोर्टर- सतीश कश्यप/कविता द्विवेदी

बाराबंकी। एक तरफ पांच सौ और हजार के नोट पर केन्द्र सरकार ने पाबंदी लगा दी, वहीं अधिकतर बैंक और एटीएम में पैसे न होने की वजह से लोग बेहद परेशान हैं किसी के घर शादी का महौल है तो किसी के घर मुन्डन संस्कार, ऐसे में जरूरतमंद लोगों को पैसे न मिल पाने की वजह से सबकुछ बिगड़ सा गया है। चाहे वो जिला मुख्यालय स्थित चंदौली की मुख्य शाखा आर्यावर्त बैंक हो या फिर कम्पनीबाग स्थित केनरा बैंक। इतना ही नहीं गन्ना संस्थान स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया व जिलाधिकारी प्रांगण स्थित डाकघर में तो बकायदा लिखकर नोटिस भी चिपकायी गयी है की नोट बदले नहीं जा सकते और न ही कोई नकदी ही बैंक से निकाली जा सकती है, अगर पैसे जमा कर सकते हों तो वो जमा कर दो। हालांकि भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा में लोगों को नियमानुसार पैसे दिए जा रहे हैं, जिसके चलते लम्बी-लम्बी लाइनें लगी हुई हैं, लेकिन बैंक के बाहर लगा एटीएम भी बंद दिखा।

गाँव कनेक्शन संवाददाता ने बैंक और एटीएम के बाहर खड़े लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा तो उनका दर्द छलक पड़ा। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में पांच सौ और एक हजार रुपए की नोट बदलने आए भारत स्टूडियो के कर्मचारी अखिलेश कुमार का कहना है, “सिर्फ पैसे जमा किए जा रहे हैं पैसे दिए नहीं जा रहे।” वहीं गन्ना संस्थान के रिटायर्ड कर्मचारी लालजी का कहना है, “पैसे न होने से दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। लोग बीमार हैं।” बैंक के अंदर लाइन में लगे बुजुर्ग मुनव्वर अली का कहना है, “पिछले तीन दिन से बैंक के चक्कर काट रहे हैं अभी तक पैसे नहीं मिले। हम वापस चले गए।”

बाराबंकी निवासी दिनेश कुमार शर्मा की बेटी का तिलक 16 नवम्बर को है। उन्होंने कहा, “शादी का कार्ड लेकर गये थे पैसा नहीं मिला आज फिर आया हूं, लेकिन दस हजार रुपए मिल भी जाए तो हम इतने पैसे में क्या क्या करेंगे? कुछ समझ में नहीं आ रहा है आखिर क्या करें? भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा में तैनात बैंक मैनेजर पीएन सिंह बताते हैं, “अगर आरबीआई आदेशित करे तो वो उन लोगों को प्राथमिकता देंगे, जिनके घरों में शादी-ब्याह के लिए रुपए-पैसे की ज्यादा जरूरत है।”

‘कमीशन लेकर कालेधन को किया जा रहा सफेद’

पावर कार्पोरेशन के रिटायर्ड कर्मचारी अजय कुमार मेहरोत्रा का कहना है, “गन्ना संस्थान स्थित सेन्ट्रल बैंक के मैनेजर सिर्फ वीआईपी और नेताओं को ही टाइम-बेटाइम पैसे दे देते हैं कभी तीन बजे तो कभी चार बजे, लेकिन हमलोग पिछले चार दिनों से अपना पैसा लेने आ रहे हैं तो बोला जाता है पैसे नहीं हैं। बैंक में सिर्फ कमजोर लोगों के ही लिए पैसे नहीं है। उन्होंने दावा किया है कि दलाल लोग 10 से 20 फीसदी कमीशन पर नेताओं का ब्लैक पैसा व्हाइट करने के लिए लाइन में लगे हैं तभी लम्बी-लम्बी लाइने बैंक के बाहर दिख रही हैं।”

नोट बन्दी बैंक कर्मचारियों के लिए सिरदर्द

जिला मुख्यालय से एक किलोमीटर दूरी पर स्थित बाराबंकी के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में रविवार की सुबह से भीड़ थी। काम करते करते बैंक की एक महिला कर्मचारी की तबीयत खराब हो गई। करीब 4 :30 बजे तक बैंक के कर्मचारी ने बैंक को बाहर से बन्द कर दिया। कुछ लोग 4:30 बजे के बाद आए तो उनसे बैंक के कर्मचारी ने कहा कि कल आना अब बैंक बन्द हो गई तो उन लोगों ने कहा कि हम बस पांच या छह लोग हैं। हम लोगों को रुपया जमा करना है। ज्यादा देर नहीं लगेगी। वहीं उपस्थित दूसरे व्यक्ति ने कहा अभी चार बजे हैं और बैंक बन्द हो गई। तो कर्मचारी ने कहा जब दो बजे रात में जाते हैं तब आप लोगों को नहीं दिखता।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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