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लोगों के लिए मिसाल है गाँव बहेटा गंभीरपुर और यहां के निवासी

uttar pradesh

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

कानपुर। जनपद का बहेटा गम्भीरपुर गॉव आज प्रदेश के सभी गॉव के लिए एक नजीर है, क्योंकि एक आदर्श गॉव की सारी सुविधाएं इस गॉव में मौजूद हैं। सबसे बड़ी बात यह है की इस गॉव को इस रूप में स्थापित किसी सांसद विधायक ने नहीं बल्कि यहाँ के नागरिकों ने किया है।

कानपुर- सागर राज्यमार्ग पर स्थित रमईपुर से जहानाबाद मार्ग पर रमईपुर से लगभग सात किमी. दूरी पर स्थित गॉव बहेटा गंभीरपुर की जनसंख्या छत्तीस सौ तथा नौ सौ मकान हैं। इस गाँव की हर सड़क और गली आरसीसी की बनी हुई हैं। सड़क के दोनों ओर नालियां हर समय ढकी रहती हैं। हर घर का निवासी अपने आस-पास और घर के आगे की सड़क की सफाई स्वयं ही करता है। आज गाँव में हर व्यवस्था चाक चौबंद रहती है। गाँव में साफ़ सफाई हो या बिजली व्यवस्था हर तरह से व्यवस्थित नजर आती है ।

गाँव के पूर्व प्रधान धीरेन्द्र सिंह बताते हैं, “वर्ष 2007-08 के आस -पास गाँव के प्रधान इन्द्रपाल थे। उस समय गाँव एक वर्ष के लिए अम्बेडकर गाँव घोषित हुआ था। तब गाँव की कुछ सड़कें पक्की की गयी थीं। बस उसी समय गाँव के लोगों ने अपने और अपने आस पास की काया कल्प करने का बीड़ा उठा लिया था। उसी समय गाँव के कुछ घरों के लिये शौचालय बनाये गए थे। बस तब से ही देखा देखी गाँव के अन्य लोगों ने भी अपने पैसों से शौचालय बनवाए। आज गाँव के हर घर में शौचालय बना हुआ है। गाँव का कोई भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं जाता है।”

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गाँव के विशाल पाण्डेय (35वर्ष) बताते हैं, “आप को रात में गाँव में कहीं भी जाना हो आप अंधेरा नहीं पाएंगे ,क्योंकि रात में हमारे गॉव की हर एक गली या सड़क में स्ट्रीट लाइट जलती रहती है। यदि लाइट ख़राब भी हो जाये तो जल्दी ही बन जाती है ।”

गाँव के विद्यालय की आठवीं में पढ़ने वाली रौशनी (13वर्ष) कहती है,” स्कूल जाना हमको अच्छा लगता है। हमारे माता-पिता अपने घर को और घर के आप-पास को साफ सुधरा रखने की शिक्षा देते हैं। हम लोगों को भी सफाई करना अच्छा लगता है।”

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इसी गाँव के इस्माइल (42वर्ष) बताते हैं,” हमारे बुजुर्ग अपने समय में अपने घर की और आस पास की सफाई खुद ही करते थे, उनसे सीख कर हम लोग भी वहीं करते हैं। अब हम लोगों को देखकर आने वाली पीढ़ी भी साफ सफाई करेगी।” फरवरी 2015 में नीदरलैंड की टीम ने गाँव का दौरा किया था। टीम ने गाँव को आदर्श गाँव की उपाधि दी थी।

गॉव की प्रधान सरोज देवी बताती हैं,” हमारा गॉव एक मिसाल है, क्योंकि यहां रहने वाला किसी भी जाती या धर्म का हो, लेकिन गॉव को लेकर सबकी सोच एक जैसी है । गॉव की सफाई और भलाई को लेकर सब लोग जागरूक रहते हैं।”

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