देवा मेले में चूड़ियों के थोक बाजार में बढ़ने लगी रौनक

Arun MishraArun Mishra   9 Oct 2017 7:36 PM GMT

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देवा मेले में चूड़ियों के थोक बाजार में बढ़ने लगी रौनकफोटो- गाँव कनेक्शन 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

विशुनपुर (बाराबंकी)। विश्व प्रसिद्ध देवा मेला की औपचारिक शुरुआत 6 अक्टूबर को होने के साथ ही मेले में लगने वाले विभिन्न बाजार भी सज कर तैयार हो गए हैं। देवा मेला का चूड़ियों का थोक बाजार चूड़ियों की एक से बढ़कर एक वैराइटियों से भरा पड़ा है। यहां जरुरत की हर चूड़ियाँ वाजिब दामों पर उपलब्ध हैं।

व्यापारी आफताब बताते हैं, “मेले में फुटकर सामानों के साथ थोक के कई मार्केट काफी प्रसिद्द हैं। इनमे फीरोजाबाद की चूड़ी का थोक मार्केट एक है। मेले में कई दर्जन व्यापारी अपना माल लेकर आए हैं।” आफताब आगे बताते हैं, “उनके पास जरी वाली, पॉलिश वाली और कई अन्य वैराइटियों की चूड़ियाँ उपलब्ध हैं।”

वहीं, आरिफ कहते हैं, “फाइबर, जरकन और प्लास्टिक सीप की चूड़ियाँ बाजार में काफी मात्रा में उपलब्ध हैं। जिनकी खरीददारी के लिए काफी व्यापारी मेले में आते हैं। बाजार में तोडा चूड़ी केवल 20 रूपये सैकड़ा में उपलब्ध है, जिसकी फेरी वाले खूब खरीददारी करते हैं।

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फिरोज़ाबाद की चूड़ियों

फ़िरोज़ाबाद में मुख्यत:चूड़ियों का व्यवसाय होता है। यहाँ पर आप रंगबिरंगी चूड़ियों की दुकानें चारों ओर देख सकते हैं। घरों के अन्दर महिलाएँ भी चूडियों पर पॉलिश लगाकर रोजगार अर्जित कर लेती हैं। भारत में काँच का सर्वाधिक फ़िरोज़ाबाद नामक छोटे से शहर में बनाया जाता है। इस शहर के अधिकांश लोग काँच के किसी न किसी सामान के निर्माण से जुड़े उद्यम में लगे हैं। सबसे अधिक काँच की चूड़ियों का निर्माण इसी शहर में होता है।

रंगीन काँच को गलाने के बाद उसे खींच कर तार के समान बनाया जाता है और एक बेलनाकार ढाँचे पर कुंडली के आकार में लपेटा जाता है। स्प्रिंग के समान दिखने वाली इस संरचना को काट कर खुले सिरों वाली चूड़ियाँ तैयार कर ली जातीं हैं। अब इन खुले सिरों वाली चूड़ियों के विधिपूर्वक न सिर्फ़ ये सिरे जोड़े जाते हैं बल्कि चूड़ियाँ एकरूप भी की जाती हैं ताकि जुड़े सिरों पर काँच का कोई टुकड़ा निकला न रह जाये। यह एक धीमी प्रक्रिया है जिसमें काँच को गर्म व ठण्डा करना पड़ता है

देवा मेला में अव्यवस्थाएं

यहां मुम्बई के कड़ों के साथ जयपुर के एक से बढ़कर एक कड़े आने वाले जायरीन को खरीददारी के लिए मजबूर करते हैं।” दूसरी ओर चूड़ी मार्केट के व्यापारी अव्यवस्था से परेशान हैं। बाजार में लगे नल पर बहुत गंदगी है। मच्छरों की भरमार है और दिन में बिजली नही मिलती है। दुकानदार नौशाद बताते हैं, “ कई सालों से हम लोग आते हैं लेकिन अभी तक मार्केट में चबूतरे तक नही बने हैं, ऐसे में दुकानदारों को काफी दिक्कतें होती हैं।”

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