हल्दी की खेती कर कमाएं लाखों रुपये
गाँव कनेक्शन 23 Oct 2016 4:50 PM GMT

वीरेंद्र शुक्ला (कम्यूनिटी रिपोर्टर)
सूरतगंज (बाराबंकी)। एक समय था जब बाराबंकी जिले का नाम आते ही लोगों के जेहन में अफीम की खेती नजर आती थी, लेकिन अब समय के साथ-साथ जिले ने अपनी तस्वीर खुद ही बदल दी। अब उत्तर प्रदेश में बाराबंकी जिला अपनी विभिन्न खेती के लिए मशहूर है। चाहे वो मिर्च, मेंथा, गेहूं, धान की खेती हो या सतावर की। बाराबंकी जिले को केले की खेती का गढ़ भी कहा जाने लगा है। बाराबंकी के किसान अब हल्दी की खेती में भी दिलचस्पी दिखा रहे हैँ।
मात्र छह माह में दिलाए लाभ
जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर ग्राम फतेहपुरवा पोस्ट विन्दोरा घरथरिया ब्लाक सूरतगंज के किसान अरविन्द सिंह भी पीछे नहीं है। वो अपनी पुस्तैनी खेती छोड़ हल्दी की खेती पर काफी जोर दे रहे है जिससे उनको हर साल लाखों रुपए का फायदा होता है। इस समय अरविन्द सिंह ने 40 बीघे में हल्दी की खेती कर रहे हैं। वो हल्दी की खेती से काफी खुश भी हैं क्योंकि हल्दी की खेती मात्र छह महीनों की होती है और इसमें लागत भी कम लगती है और मुनाफ़ा भी ज्यादा होता है।
कम लागत में ज्यादा मुनाफ़ा
अरविंद सिंह बताते हैं, "खिचड़ी धंधार गाँव के प्रधान जितेंद्र सिंह ने मुझे हल्दी की खेती के बारे में बताया और खेती करने को प्रोत्साहित किया। आज मैं अपने 40 बीघा खेत में हल्दी की खेती कर रहा हूं। जिसकी खेती काफी कम लागत में की है।" फतेपुरवा के रहने वाले किसान अवधेश कुमार बताते हैं, "हल्दी की खेती हमारे गाँव में पिछले साल से लगना चालू हुई है। हल्दी की खेती से गाँव के कुछ किसान अच्छा मुनाफ़ा कमा रहे हैं।" अवधेश आगे बताते हैं, "हल्दी की खेती कम लागत व ज़्यादा मुनाफे वाली खेती है और इसमें मेहनत भी कम लगती है। हम लोग इससे पहले परंपरागत खेती करते थे उसमें हमें काफी नुकसान भी वहन करना पड़ता था। जिससे हमारा परिवार सुख की रोटी नहीं खा पता था, पर अब हमें अच्छा फायदा होता है हल्दी की खेती से।"
हल्दी की खेती का विवरण
हल्दी की खेती छह या सात महीने की खेती होती है। एक बीघे में हल्दी के दो कुंतल बीज लग जाते हैं, जो हमें 1500 से 1800 रुपए कुंतल मिलता है, हल्दी की पूरी फसल में हम 50 किलो यूरिया व एक बोरी डीएपी डालते हैं। चार से पांच पानी लगाने पड़ते हैं। पेड़ से पेड़ की दूरी एक फिट रखते हैं और लाइन से लाइन की दुरी भी एक फिट होती है। एक बीघे में अंत तक 5000 हजार से 6000 रुपए की लागत आती है। एक बीघे में कच्चा माल लगभग 20 से 25 कुंतल निकल आता है जिसका रेट 1200 से 1500 के बीच होता है। एक बीघे में लगभग 20 हजार का मुनाफा होता है।
पक्के माल का विवरण
एक बीघे में 20 कुंतल कच्चा माल निकलता है जो उबाल कर सुखाने पर एक चौथाई रह जाता है। यानि 20 कुंतल का पक्का माल पांच कुंतल होगा, इसका रेट बाजार में 80 से 90 रुपये प्रतिकिलो तक हमें मिल जाता है।
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