ऊसर और बंजर जमीन पर अब किसान ले सकेंगे साल में दो-दो फसलें

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ऊसर और बंजर जमीन पर अब किसान ले सकेंगे साल में दो-दो फसलेंभूमिसुधार कार्यक्रम में जिले में बंजर ज़मीने हो रही चिंहित

पुष्कर पाल- कम्युनिटी जर्नलिस्ट (किसान)

सेमरौता (रायबरेली)। खाली और बंजर पड़ी हजारों बीघा जमीन पर अब उम्मीद की फसल लहलहाने लगी है। जिस ऊसर जमीन पर कभी अनाज का एक दाना नहीं होता था वहां अब किसान साल में 2-2 फसलें काट रहे हैं। भूमि सुधार कार्यक्रम से जिले के 3,000 किसानों को लाभ पहुंचा है।

किसान बसंत (50वर्ष) की खुशी दोगुनी बढ़ गयी है। दरअसल, पिछले वर्ष गाँव में हुए भूमिसुधार कार्यक्रम की वजह से उनकी 10 वर्ष से खाली पड़ी उसरीली ज़मीन पर इस बार धान की फसल लहलहा रही है।

रायबरेली जिला मुख्यालय से 28 किमी उत्तर दिशा में बल्ला गाँव के किसान बसंत (50 वर्ष) 10 बीघे खेत में दलहन और अनाज (धान,गेहूं) की खेती करते हैं।

बसंत बताते हैं, "हमारी पंचायत में ज्यादातर खेती की ज़मीन बंजर थी, जिसे उपयोग में लाने के लिए हमने जिला भूमिसुधार निगम की मदद ली। इसका फायदा सिर्फ मुझे ही नही बल्कि आसपास के पचास किसानो ने उठाया।"

प्रदेश में बंजर पड़ी कृषिभूमि को उपजाऊ बनाने के लिए भूमि सुधार निगम ,उत्तर प्रदेश वर्ष 2010-11 से 29 जनपदों में भूमिसुधार कार्यक्रम चला रहा है। इसके तहत प्रदेश भर में एक लाख से ज़्यादा किसानों को इस अभियान से जोड़ा जा चुका है।

हमने इस अभियान को गाँव-गाँव तक पहुंचाने के लिये एक कार्ययोजना तैयार की है। इसमें हम अपने रिमोट सिस्टम के द्वारा जिले भर में बंजर पड़ी ज़मीनों को चिंहित कर उसपर वहां रहने वाले किसानों की सहभागिता से भूमि सुधार कार्यक्रम करवाते हैं।
ऐके तिवारी, भूमिसुधार निगम के परियोजना अधिकारी

इस कार्यक्रम में ऐसे गाँवों को चुना जाता है जहां बंजर ज़मीन ज़्यादा हो। गाँव को चिंहित कर वहां की भूमि का मृदा परिक्षण होता है। फिर सम्बंधित भूमि के किसानों की सहभागिता से चार वर्षों तक उस भूमि पर सुधार कार्यक्रम होता है। इस अवधी में उस भूमि पर धान, गेहूं और ढैंचा जैसी फसलें उगाई जाती हैं।

ऐके तिवारी आगे बताते हैं कि इस कार्यक्रम में हमारी मदद पारिजात युवा समिति नामक संस्था कर रही है। समिति अपने ट्रेनर्स को गाँवो में भेजकर किसानो को इस कार्यक्रम का लाभ उठाने में मदद करती है। रायबरेली जिले में उत्तरप्रदेश भूमि सुधार निगम 85 से ज़्यादा गाँवो में यह भूमि सुधार कार्यक्रम चला रहा है,जिसका लाभ क्षेत्र के 3,000 किसानो को मिल चूका है।

इस कार्यक्रम के बारे में पारिजात युवा समिति के क्षेत्रीय अधिकारी सुशील कुमार बताते हैं," इस कार्यक्रम में किसानों को सभी सामग्री (जिप्सम,बीज,यूरिया) निशुल्क मुहैया करवाई जाती हैं। बंजर खेत कैसे तैयार करने हैं, इसकी ट्रेनिंग किसानों को समिति द्वारा मिलती है।"

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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