बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम बना रहा ग्रामीणों को आत्मनिर्भर 

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बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम बना रहा ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम के जरिये ग्रामीणों को मिल रही कई अहम जानकारियांं।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: कृष्ण कुमार पाठक

बहराइच। जिले में नेपाल और बहराइच से सटे गिरिजापुरी, विशुनापुर जैसे गाँवों की महिलाओं और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इस पहल के अंतर्गत किसानों को मुफ्त बीज बांटे जा रहे हैं और महिलाओं को छोटे-छोटे गृह उद्योगों से जोड़ा जा रहा है।

तरह-तरह के कार्यक्रम

बहराइच जिले के आखिरी छोर पर बसे गाँव विशुनापुर में महिलाओं और किसानों के साथ काम कर रहे डेवलपमेंटल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन एडवांस्मेंट (देहात) संस्था के सुबोध बताते हैं, ''बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत गाँव की महिलाओं को सब्जियों की खेती और आचार बनाने की अहम जानकारियां देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इसके अलावा किसानों के लिए बीज वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं और कृषकों ने भाग लिया।'' बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम में ग्रामीणों को खेती एवं गृह उद्योग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी महेश कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र से डॉ. ओपी वर्मा और उद्यान विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।

जब बोले ग्राम प्रधान

ग्रामीणों के लिए आयोजित किए गए इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए ग्राम प्रधान विशुनापुर भोदू प्रसाद ने बताया कि पंचायत में समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम होते रहते हैं। बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम में पंचायत की महिलाओं और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नए-नए तरीके सीखाए जाते हैं। ऐसे आयोजन लगातार होते रहने चाहिए।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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