राहुल गुप्ता, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
कानपुर देहात। बावर्ची वनस्पति घी का सेवन करने वाले और अमूल दूध पीने वालों को अब अपने स्वास्थ के प्रति सावधान रहना पड़ेगा क्योंकि इन दोनों कम्पनियों के प्रोडेक्ट में मिलावट की पुष्टि कानपुर देहात के खाद्य विभाग ने की है। दोनों कंम्पनियों के प्रोडक्ट जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे गये थे।
प्रयोगशाला की रिपोर्ट में अमूल दूध मानक के अनुरूप नहीं पाया गया है। वहीं बावर्ची के नमूने में विटामिन ए की कमी पाई गई है, जिस पर दोनों कम्पनियों पर साढ़े चार-साढ़े चार लाख रुपए का जुर्माना अपर जिलाधिकारी ने लगाया है और इस जुर्माने की धनराशि को दोनों कंपनियों को एक माह के अन्दर जमा करना होगा।
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अमूल दूध बड़े-बड़े विज्ञापन देकर लोगों को अपनी कम्पनी का दूध सेवन करने के लिए प्रेरित करता है, लेकिन ये कंपनी यह ध्यान नहीं रखती कि उनका प्रोडेक्ट मानक के अनुरूप है भी या नहीं, जिसका खामियाजा ग्रहकों को भुगतना पड़ता है। यह बात खाद्य विभाग के द्वारा भरे गये सैम्पल की रिपोर्ट प्रयोगशाला से आने के बाद उजागर हुई है।
वहीं बावर्ची वनस्पति का सेवन करने वाले लोगों को भी होना सावधान रहना होगा क्योंकि कुछ समय पहले इस कम्पनी का भी सैम्पल भरा गया था, लेकिन प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने के बाद यह बात सामने आई कि बावर्ची वनस्पति घी में भी मिलावट होती रही है और कंपनी के द्वारा बिना मानक पूरे किए ही इस वनस्पति घी को मार्केट में बिकने के लिए भेज दिया गया। अभिहित अधिकारी राजकुमार गुप्ता इन दोनों कम्पनियों का सैम्पल वर्ष 2014 व 2015 में भरा गया था, लेकिन जांच रिपोर्ट और जुर्माना अब हो पाया है।
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