गुलजार है देवा मेला का शिल्प बाजार

गुलजार है देवा मेला का शिल्प बाजारइन स्टालों पर शिल्प के एक से बढ़कर एक सामानों का संग्रह उपलब्ध है।

अरुण मिश्रा, कम्यूनिटी रिपोर्टर

देवा (बाराबंकी)। वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार व नमस्ते इण्डिया के सहयोग से देवा मेले के शिल्प बाजार में दर्जनों शिल्पी अपने हैंडमेड सामानों के साथ अपने स्टाल लगाये है। इन स्टालों पर शिल्प के एक से बढ़कर एक सामानों का संग्रह उपलब्ध है।

यदि आप शिल्प के शौकीन है और विभिन्न स्थानों के प्रसिद्ध नायाब सामान एक ही स्थान पर चाहते तो देवा मेला में लगे शिल्प बाजार में जा सकते हैं, यहां आपको ज्वैलरी, वस्त्र, सजावट का सामान, जूट वर्क, लेदर वर्क और दर्जनों अन्य प्रकार के हस्तशिल्प के नायाब नमूने मिल जायेगे। बरेली के शमसाद अहमद अपनी आर्टिफिशियल ज्वैलरी का स्टाल लगाये है। इनके स्टाल पर नेकलेस, हार, चूड़ी सहित अनेकों आइटम है जो ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करते हैं।

मिर्जापुर के विनय कुमार के दरी के स्टाल पर एक से बढ़कर एक वूलेन दरी, पावदान आदि लोगों के मन को भा रही है। राजस्थान के हरेराम के स्टाल पर राजस्थानी चप्पले व जूतियों का विशाल संग्रह उपलब्ध है। हरेराम ने बताया, "हमारे द्वारा निर्मित राजस्थान की लेदर की जूतियां लोगों के द्वारा काफी पसन्द की जाती है व हमारी जूतियां देश के कोने-कोने तक जाती है। बनारस के रफीक के स्टाल पर भी बनारसी साड़ियां, दुपट्टे लोगों के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

भदोही के सुल्तान के स्टाल पर जूट वर्क का काम देखते ही बनता है।" हरेराम आगे बताते हैं, "लोगों को हैंगिंग एवमं जूट से बने घोसलो में चिड़ियों के बच्चे काफी भा रहे हैं।" आगरा के इरफान की स्टोन बीट्स ज्वैलरी में क्राउन, हसुली पायल जैसे उत्पाद लोगों के आकर्षण का केंद्र है। मेरठ के मोशाद के स्टाल पर हाथ की नायाब कलाकारी से बने आकर्षक लेडीज कुर्ते महिलाओं को काफी पसन्द आ रहे है। देवा मेला के शिल्प बाजार में लकड़ी के नक्काशीदार सामानों के आलावा मेटल वर्क, लेदर वर्क, वाल हैंगिंग, सहित शिल्प के एक से बढ़कर एक नायाब सामान लोगो के ध्यान को अपनी ओर खीच लेते है।

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