स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। अगस्त के पहले सप्ताह में मिर्च, बैंगन टमाटर जैसी सब्जियों की खेती की तैयारी कर लेनी चाहिए। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद की साप्ताहिक बैठक में इस महीने लगाई जाने वाली सब्जियों के प्रबंधन के बारे में बताया गया।
गाजर व मूली की अगेती फसल के लिए अगस्त में बुवाई करें। गाजर की पूसा केसर और पूसा मेघाली किस्मों को दो किलो बीज को एक से एक फिट दूर लाइनों में आधा इंच गहरा लगाएं। मूली की पूसा देशी किस्म का तीन-चार किलो बीज एक फिट लाइनों में और छह इंच दूरी पौधों में रखकर लगाएं। मूली व गाजर में बहुत पानी की जरूरत पड़ती है और हर चार-पांच दिन में फसलों को पानी चाहिए ।
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बैंगन व टमाटर के पौधों की अगस्त में रोपाई कर दें। अगस्त माह में खरपतवार नियंत्रण तथा खेत में उचित नमी बनाए रखें तथा अतिरिक्त पानी का निकास करते रहें। यूरिया रोपाई के तीन सप्ताह बाद दें।खीरा और अन्य सब्जियों में फल छेदक कीड़ों का हमला होने का खतरा बना रहता है। किसानों को दवाईयों का छिड़काव समय-समय पर करते रहना चाहिए। लेकिन दवाई छिड़कने के एक सप्ताह बाद ही फल तोड़े और पानी से सब्जी अच्छी तरह धोएं।
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पत्तागोभी व फूलगोभी इसकी अगेती फसल के लिए अगस्त में नर्सरी लगाएं। पत्तागोभी की गोल्डन और पूसा मुक्ता व फूलगोभी की पूसा सिंथेटिक, पूसा सुभद्रा व पूसा हिमज्योति किस्में चुनें। 270 ग्राम बीज को एक ग्राम केप्टान से उपचारित कर एक फुट चौड़े व सुविधानुसार लम्बे व ऊंची नर्सरी में लगाएं। बीच में अच्छी चौड़ी नालियां रखें। नर्सरी में सड़ी-गली खाद अच्छी मात्रा में मिला दें। नर्सरी में बीज लगाने के बाद उचित नमी बनाए रखें और धूप से भी बचाएं। पौध की रोपाई सितम्बर में करें।
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