एटा। सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तहत बन रहे शौचालय जहां सिर्फ सरकारी रकम की पहली किश्त न मिलने के कारण रुके हुए हैं, वही मारहरा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत जिन्हैरा के 80 ग्रामीणों ने शौचालय बनने के बाद मिली रकम को वापस कर एक मिसाल पेश की है।
ये भी पढ़ें-पेशी से फरार हुए इनामी बदमाश का यूपी पुलिस ने लखनऊ में किया एनकाउंटर
इस काम के लिए जिलाधिकारी ने इन ग्रामीणों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। वहीँ अब गाँव आजमपुर ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) भी घोषित हो गया। गाँव जिन्हैरा के 50, आजमपुर के 10 और सिरसा टिप्पू के 20 ग्रामीणों ने शौचालय का निर्माण कराया। शौचालय निर्माण के बाद इन सभी को 12-12 हजार रुपए सरकार से सहायता राशि के तौर पर मिले। इन सभी ग्रामीणों ने सरकार द्वारा मिली सहायता राशि को वापस कर देश प्रेम का परिचय दिया। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान लक्ष्मी उपाध्याय द्वारा 7 लाख 20 हजार रुपए का चेक प्रधानमन्त्री को वापस करते हुए स्वच्छता मिशन को और मजबूत करने का भरोसा दिलाया।
ये भी पढ़ें-उत्तर प्रदेश : 10 जिलों के परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने बदल दी अपने स्कूल की तस्वीर
ग्रामीणों के इस बेहतर प्रयास को देखते हुए गाँव आजमपुर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ ग्राम गौरव सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी अमित किशोर ने ग्रामीणों की तारीफ़ करते हुए कहा,“ एटा जनपद के यह 80 ग्रामीणों को हमेशा याद रखा जाएगा। ग्रामीणों ने भारत सरकार के मिशन को न सिर्फ पूरा किया बल्कि इस मिशन को और जगह कारगर करने के लिए मिली सहायता राशि को वापस कर एक नजीर पेश की है। इस दौरान जिलाधिकारी ने सभी ग्रामीणों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। एटा में अब तक 21 ग्राम पंचायत के 83 गाँव ओ डी एफ घोषित हो चुके हैं।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहांक्लिक करें।